भारतीय राजनीति को ‘कांग्रेसमुक्त’ करने के भारतीय जनता पार्टी के ‘अभियान’ को लेकर पार्टी में ही ‘रार’ तेज हो गई है। मध्य प्रदेश में एक सीनियर भाजपा नेता ने तो दो टूक कह दिया है, ‘कांग्रेस से आ रहे लोगों का मजबूरी में स्वागत करना पड़ रहा है।’ कांग्रेस ने तंज कर कहा है कि 'कचरा' 'डस्टबिन' में ही जा रहा है और बीजेपी ने खुद यह स्वीकार किया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के इस दौर में बीते डेढ़ महीने में अकेले मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थामा है। यह सिलसिला अभी रुका नहीं है। हर दिन अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेसियों के भाजपा में आने का क्रम बना हुआ है। भाजपा के दलबदल के इस अभियान में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और चार बार के राज्यसभा सदस्य सुरेश पचौरी, मध्य प्रदेश में बड़ा नाम एवं चेहरा रहे हैं। आधा दर्जन के आसपास कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के पूर्व सांसदों ने भाजपा ज्वाइन की है। दर्जनों पूर्व विधायक कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दुपट्टा डालते नजर आये हैं।
बीते डेढ़-दो माह में बड़ी संख्या में कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर जिला इकाइयों के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं और स्थानीय सरकारों के मौजूदा एवं पूर्व पदाधिकारियों-पार्षदों, जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायतों के सदस्यों ने दलबदल किया है। मौजूदा महापौर भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए हैं।
कांग्रेस बोली- ‘कचरा साफ हो रहा है’
मध्य प्रदेश में दलबदल को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने कहा है, ‘कचरा साफ हो रहा है।’ पूर्व मुख्यमंत्री और राजगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की टिप्पणी रही है, ‘जांच एजेंसियों के भय और भ्रष्टाचार करने वाले अपनी संपत्ति को बचाये रखने के लिए भाजपा में गए हैं। इससे कांग्रेस को फर्क पड़ने वाला नहीं है।’
अमित शाह के दावे से उलट स्थिति?
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीते दिनों मध्य प्रदेश आये थे, तब उन्होंने एक बैठक में भाजपा के ‘देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं’ के चेहरों को पढ़ा था। भरी बैठक में हाथ उठवाकर सवाल किया था, बैठक में कितने ऐसे कार्यकर्ता हैं, जिन्हें पार्टी में 15 साल या इससे ज्यादा हो गए हैं? बहुतेरे हाथ उठे थे। अमित शाह ने अगला सवाल दागा था, ‘भाजपा में इतने वक्त में कुछ मिला? अधिकांश ने एक सुर में जवाब दिया था, नहीं!’ अमित शाह ने आगे कहा था, ‘जब आपको नहीं मिला तो कांग्रेस या अन्य दलों से भाजपा में आ रहे लोगों को जल्दी कुछ मिल जायेगा, इसे लेकर चिंता क्यों पाल रहे हैं।’ अमित शाह के सवाल और जवाबों पर ठहाके लगे थे। कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल गए थे।
अमित शाह ने कुछ भी न मिलने की बात भले ही कही हो, स्थिति उलट है। दरअसल ‘हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और’ वाली कहवात चरितार्थ होती साफ़ नजर आ रही है। मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में भाजपा ने उन नेताओं को टिकट से नवाज़ा है जो विरोधी दलों से बीजेपी में आये हैं। कई को राज्यसभा भेजा है। महत्वपूर्ण पद दिए हैं।
कांग्रेसियों के आने से चिंतित नहीं हों: विजयवर्गीय
संगठन को नई ऊंचाइयां प्रदान करने में महती भूमिका निभाने वाले भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और अभी मोहन यादव सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी अपने दल के कार्यकर्ताओं की ‘मायूसी’ को पढ़ा है। हाल ही में उन्होंने भी दलबदल की भीड़ से चिंतित कार्यकर्ताओं को इस तर्क के साथ ढांढस बंधाया था, ‘कांग्रेसियों के आने से चिंतित नहीं हों, कलदार सिक्का तो कलदार होता है (आशय खांटी भाजपाई से था)।’
कांग्रेस का तंज- बीजेपी ने माना 'डस्टबिन' में 'कचरा' जा रहा है
मध्य प्रदेश में दलबदल को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस और भाजपा में तीखी बयानबाजी हुई। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और अभी मोहन यादव सरकार में मंत्री प्रहलाद पटेल से मीडिया ने सवाल किया, ‘दलबदल पर कांग्रेसी कह रहे हैं, भाजपा की डस्टबिन में कचरा जा रहा है?’ फिर उन्होंने ही जवाब दिया, ‘मोदी जी ने तीन डस्टबिन हिन्दुस्तान के हर हिस्से में रखवाई हैं। एक गीले कचरे की, दूसरी सूखे की कचरे की और तीसरी मेडिकल वेस्ट की। फिलहाल गीला और सूखा कचरा बीजेपी में आया है, मेडिकल वेस्ट का इंतजार है।’
प्रहलाद पटेल के इस बयान के बाद मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार के.के. मिश्रा ने ट्वीट कर तंज कसा, ‘धन्यवाद प्रहलाद जी, आपने स्वीकारा कि भाजपा डस्टबिन है। उस डस्टबिन में कांग्रेस का कचरा कलेक्ट हो रहा है।’
पके बेर टपक-टपक के भाजपा में आ रहे हैं: बीजेपी नेता
मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और साल 2023 में नौवीं बार विधायक चुने गये भाजपा के सीनियर लीडर गोपाल भार्गव ने दलबदल पर चुटकी लेते हुए कहा है, ‘कांग्रेस के जो लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं, उनकी दशा पकी बेरी की तरह हो गई है। जब बेरी पकती है तो बेर टपकते हैं। पके बेरों की तरह टपक-टपक के कांग्रेसी हमारे दल में आ रहे हैं।'
‘मजबूरी में करना पड़ रहा है स्वागत’
जयप्रकाश आंदोलन से जुड़े रहे और बाद में जनसंघ ज्वाइन कर भारतीय जनता युवा मोर्चा के गठन में अहम रोल अदा करने वाले मध्य प्रदेश भाजपा के सीनियर लीडर अजय विश्नोई का दर्द जुदा है। विश्नोई ने कहा, ‘बड़ा दर्द होता है। मजबूरी में ऐसे लोगों (कांग्रेसियों) का स्वागत करना पड़ रहा है, जो हमें गंदी-गंदी गालियां दिया करते थे। जिनसे जीवन भर हम राजनीति के मैदान में दो-दो हाथ करते रहे।’
बता दें कि अजय विश्नोई जबलपुर की पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। विधायकी का पांचवा टर्म है। वे उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में मंत्री रहे हैं। खरा-खरा बोलते हैं, लिहाजा काफी वक्त से मंत्री नहीं बनाया जा रहा है। संगठन में भी कोई दायित्व नहीं दिया गया है। फिलहाल विधायक भर हैं।
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