मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान की मानहानि से जुड़े 9 साल पुराने एक मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है। अदालत ने अजय सिंह को कोर्ट उठने तक की सजा के साथ 10 हजार रुपयों का जुर्माना किया है। मजिस्ट्रेट ने मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह को क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है। अजय सिंह एमपी के पूर्व सीएम स्व. अर्जुन सिंह के बेटे हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 9 मई 2013 को सागर में आयोजित जनक्रांति जनसभा में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ उनकी पत्नी साधना सिंह पर कई राजनीतिक कटाक्ष किए थे।
सिंह ने जनसभा में कहा था, ‘सीएम हाउस में नोट गिनने की मशीन लगी हुई है। मशीन का उपयोग नोट गिनने के लिए किया जाता है। श्रीमती साधना सिंह रुपयों का हिसाब-किताब मशीन के जरिये करती हैं।’अजय सिंह के इन आरोपों के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह कोर्ट गए थे। उन्होंने एक करोड़ रुपयों की मानहानि का केस सिंह पर ठोका था।केस लगाने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘विरोधी दल के नेता निम्न स्तर की राजनीति पर आमादा हो गए हैं। उनकी पत्नी पर मिथ्या आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं।’
सीएम शिवराज ने दर्ज कराया था बयान
जिला अदालत ने 10 अक्टूबर 2013 को अजय सिंह के खिलाफ सुनवाई की थी। सिंह ने 16 जुलाई 2014 को मामले पर जमानत करा ली थी। पुनरीक्षण याचिका भी उन्होंने लगाई थी। मगर याचिका खारिज होने पर हाई कोर्ट में अपील की गई थी। 25 जुलाई 2016 को अजय सिंह के खिलाफ जिला अदालत ने आरोप तय किए थे।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान ने 20 सितंबर 2017 को अदालत में उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराए थे।अपने बयान में शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 9 मई 2013 को सागर में आयोजित जनक्रांति जनसभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आपत्तिजनक बयान दिए। 9 मई 2013 की रात जब मैं दौरे से वापस घर लौटा तो मुझे कई लोगों के सागर से फोन आए थे। घर पर पत्नी साधना भी व्यथित थीं और उन्होंने मुझे बताया था कि सिंह ने उन पर अनर्गल आरोप लगाए हैं।
सीएम ने कोर्ट को बताया था, ‘दूसरे दिन समाचार पत्रों में यह खबर इस शीर्षक के साथ प्रकाशित हुई थी कि साधना भाभी की मशीन में गिने जा रहे हैं नोट।’ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी यह समाचार दिखाया गया था। इससे मेरा मन बहुत व्यथित हुआ। 9 मई 2013 की रात मेरी पत्नी ठीक से सोई नहीं थीं।’
सीएम ने बयान में यह भी बताया था, ‘जनसंपर्क विभाग ने भी नेता प्रतिपक्ष द्वारा सागर में कही गई बात की पुष्टि की थी। 4 जून 2013 को खरगोन की एक सभा में अजय सिंह ने फिर कहा था कि साधना सिंह की असली पहचान बताइये। साधना सिंह को सीएम नोट गिनने की मशीन के रूप में लेकर आए हैं। सीएम ने कहा था कि अजय सिंह द्वारा सागर और खरगोन में जनता को संबोधित कर उनके परिवार के खिलाफ जो अनर्गल बातें कही थीं उससे उनका पूरा परिवार काफी आहत हुआ था। उन्हें अपनी छवि सुधारने के लिए जनता के बीच जाना पड़ा था। तब जनता ने उन्हें दूसरी बार मुखयमंत्री चुना है।’
साधना सिंह ने भी दिया था बयान
सीएम की पत्नी साधना सिंह ने भी इस मामले में अपने बयान दर्ज कराए थे। उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस नेता अजय सिंह को जानती हूं। वे नेता प्रतिपक्ष भी हैं। मैं घरेलू महिला हूं और समाजसेवा का काम करती हूं। 9 मई 2013 को सागर की घटना के बाद 4 जून 2013 को खरगोन की एक सभा में अजय सिंह ने कहा कि साधना सिंह की असली पहचान बताइये। साधना सिंह को मुख्यमंत्री नोट गिनने की मशीन के रूप में लेकर आए हैं। इसके बाद रिश्तेदारों और समाज के अन्य लोगों ने मुझसे इस संबंध में बातचीत की, पूछा कि यह सब क्या हो रहा है? लोग मुझे संदेह की दृष्टि से देखने लगे और मैं डिप्रेशन में चली गई। मेरे पति और मेरी छवि धूमिल करने के लिए हमने अजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला लगाया था। मुझे लगा यदि न्यायालय जाकर न्याय नहीं मांगा तो ऐसे झूठे आरोप लगाए जाते रहेंगे। इसको कहीं सजा दिलवाकर रोकना उचित होगा।
मानहानि से दोषमुक्त किए गए
कोर्ट ने अजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मानहानि का आरोप प्रमाणित नहीं पाए जाने पर दोषमुक्त कर दिया।
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