मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने ‘टिकाऊ बनाम बिकाऊ’ को अपना मुख्य चुनावी हथियार बना रखा है। उपचुनाव के लिए प्रचार अब चरम पर है। तमाम सियासी दांव-पेच के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थाम लेने वाले पूर्व विधायकों पर जोरदार हमला बोला है।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार सुबह अपनी फ़ेसबुक वाॅल पर 18 पूर्व विधायकों के फोटो के साथ कथित रेट लिस्ट डाली है। ये वे पूर्व विधायक हैं जिन्होंने मार्च और इसके बाद में कांग्रेस का साथ छोड़कर सिंधिया के साथ होते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था।
इन पूर्व विधायकों के कांग्रेस पार्टी छोड़ देने से मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी। नाथ की सरकार जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी की सत्ता में वापसी हो गई थी।
विधायकों को बताया गद्दार
दिग्विजय सिंह ने अपनी फ़ेसबुक वाॅल पर कांग्रेस के बाग़ी विधायकों को गद्दार करार देते हुए ‘गद्दार रेट कार्ड’ जारी किया है। रेट कार्ड में हरेक विधायक के 35 करोड़ रुपये में बिकने का दावा दिग्विजय सिंह ने किया है। हरेक विधायक को विधानसभा के 2018 के चुनाव में मिले वोटों का उल्लेख भी दिग्विजय सिंह ने फ़ेसबुक वाॅल पर डाले गये ब्यौरे में किया है। कुल मिले वोटों से 35 करोड़ की कथित मिली हुई राशि को डिवाइड किया गया है।
डिवाइड करने के बाद आये आंकड़े का उल्लेख दिग्विजय सिंह ने हरेक संबंधित पूर्व विधायक के ब्यौरे के साथ किया है। यहां बता दें कि ये वे विधायक हैं, जिन्हें बीजेपी ने उपचुनाव के लिए टिकट दिया हुआ है। कांग्रेस के ये बाग़ी विधायक अब उपचुनाव के लिए बीजेपी के झंडे तले चुनाव मैदान में हैं।
अपना हिस्सा लें मतदाता
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तमाम ब्यौरे के साथ फ़ेसबुक वाॅल पर लिखा है, ‘लोकतंत्र के बही खाते में जो लोग कांग्रेस से गद्दारी कर 35-35 करोड़ रुपये में बिके, जिन लोगों ने उन्हें वोट दिए - मिली राशि में से वोट देने वालों को उनका हिस्सा देना चाहिए। जब तक वोट देने वाले को 35 करोड़ में से उनका हिस्सा ना मिले, तब तक उन्हें (गद्दार विधायकों को) दोबारा वोट नहीं देना चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने फ़ेसबुक वाॅल पर दिये हैं- इन पूर्व विधायकों के नाम।
सुरेश राठखेड़ा (पोहरी सीट), रणवीर जाटव (गोहद सीट), रक्षा संतराम सिरोनिया (भांडेर सीट), प्रभुराम चौधरी (सांची सीट), मुन्नालाल गोयल (ग्वालियर ईस्ट सीट), मनोज चौधरी (हाटपिपल्या सीट), सुमित्रा कास्देकर (नेपानगर सीट), प्रद्युम्न सिंह लोधी (मलेहरा सीट), नारायण पटेल (मांधाता), राज्यवर्धन सिंह (बदनावर सीट), तुलसी राम सिलावट (सांवेर सीट), बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर सीट), महेन्द्र सिंह सिसोदिया (बम्होरी सीट), गिरिराज दंडोतिया (दिमनी सीट), हरदीप सिंह डंग (सुवासरा सीट), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर), जसवंत जाटव (करेरा सीट) और गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी सीट)।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के तमाम आरोप और सियासी दांव-पेच को लेकर शिवराज सरकार में गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा कहते हैं, ‘कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं। बे-फिजूल की बातें करते हुए कांग्रेस केवल और केवल मूल मुद्दों पर से ध्यान हटाती है। विकास पर बात नहीं करना चाहती।’
मिश्रा ने कहा, ‘कमलनाथ के मुख्यमंत्रित्व काल में वल्लभ भवन दलाली का बड़ा अड्डा रहा। लोग 15 माह के उनके शासन से हलकान रहे। उन्हीं के लोगों ने सरकार को गिराया। जनता आज राहत में है। दीवाली 14 को है, लेकिन मध्य प्रदेश में असली दीवाली 10 नवंबर (उपचुनाव के नतीजे आयेंगे) वाले दिन ही हो जायेगी।’
मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, ‘आप भी रहियेगा और हम भी, उपचुनाव के नतीजों के बाद कमलनाथ दिल्ली उड़ जायेंगे।’
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