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नागर सिंह चौहान

एमपीः विभाग छिनने के बाद काबीना मंत्री ने इस्तीफा पटका…!

मोहन यादव सरकार में बीती 8 जुलाई को कांग्रेस से आये पूर्व विधायक रामनिवास रावत को शामिल किया गया था। करीब 13 दिनों के बाद रावत को विभाग दिया गया। विभागों के नये सिरे से बंटवारा करते हुए मुख्यमंत्री ने रावत को वन पर्यावरण विभाग का दायित्व सौंपा है। रावत को मंत्री बनाये जाने के पूर्व तक यह महकमा झाबुआ जिले की अलीराजपुर के विधायक नागर सिंह चौहान के पास था।
विभागों में रद्दोबदल करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें कम महत्व वाला अनुसचित जाति कल्याण विभाग सौंपा गया है। विभाग बदलने से चौहान बेहद खफा हैं। नागर सिंह की नाराजगी सोमवार को खुलकर सामने आ गई। उन्होंने मीडिया के सामने कहा, ‘मैं इस्तीफा दे दूंगा, क्योंकि मैं मंत्री रहते हुए आदिवासी हितों की रक्षा नहीं कर पा रहा।’ हालांकि, इसके तुरंत बाद उन्होंने सभी मीडियाकर्मियों को रोक लिया और बाइट सार्वजनिक करने से मना कर दिया।
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बाद में उन्होंने कहा, ‘अभी इस्तीफे का मामला होल्ड पर है। वे पहले भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनकी बात नहीं सुनी जाती है तो इस्तीफा दे सकते हैं।’ बता दें, रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट में मामूली फेरबदल करते हुए रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया है। इस विभाग का प्रभार पहले नागर सिंह चौहान के पास था। 
नागर सिंह का कहना है, ‘अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, बड़वानी, धार, खरगोन के आदिवासी भाइयों ने मुझ पर बहुत भरोसा जताया है, उनके लिए विकास करूंगा, लेकिन सरकार द्वारा मेरे मुख्य पद ले लेने के बाद मैं विकास नहीं कर पाऊंगा। उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाऊंगा।’

‘कांग्रेसियों को ज्यादा तवज्जो, गलत बात’

नागर सिंह ने यह भी कहा, ‘मेरे बिना मांगे मुझे तीन-तीन विभाग दिए गए थे, जबकि मैंने आदिवासी होने के नाते आदिवासी विभाग मांगा था। इसके बावजूद कांग्रेस से आए लोगों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पद दिए जा रहे हैं, जो कहीं न कहीं गलत है।’
उन्होंने मीडिया से यह भी कहा, ‘अलीराजपुर जिला कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा है। वहां हमने दिन-रात मेहनत करके काम किया है। मेरे विभाग ले लेने के बाद अब मंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं रहता है।’

सांसद पत्नी के इस्तीफे की बात भी कही

नागर सिंह चौहान ने स्वयं के इस्तीफे के साथ-साथ एक चैनल से की गई बातचीत में भाजपा सांसद पत्नी अनिता सिंह चौहान के इस्तीफे की बाद भी कही है। यहां बता दें, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अनिता सिंह चौहान ने कांग्रेस के कद्दावर नेता कांतिलाल भूरिया को हराया है। झाबुआ-रतलाम सीट को उन्होंने जीता है।
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संगठन हुआ सक्रिय

नागर सिंह चौहान के राजनीतिक विस्फोट के बाद मप्र भाजपा में शनाका खींचा हुआ है। संगठन डेमैज कंट्रोल और नागर सिंह की मान-मनोव्वल में जुट गया है। संसद का बजट सत्र आज से आरंभ हुआ है। अनिता सिंह चौहान बजट सत्र में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। उनकी प्रतिक्रिया इस बारे में अभी नहीं मिली है।भाजपा के किसी बड़े नेता अथवा सरकार की और से भी इस बारे में कोई बयान सामने नहीं आया है।
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क़मर वहीद नक़वी
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