नाथूराम गोडसे के महिमा मंडन को लेकर सुर्खियों में रहने वाला मध्य प्रदेश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस 30 जनवरी के ठीक पहले पुनः चर्चाओं में है। चर्चा की वजह, राज्य सरकार का वह आदेश है जो शुक्रवार 28 जनवरी को जारी हुआ है। लंबे-चौड़े आदेश में तमाम दिशा-निर्देशों के साथ 30 जनवरी को दो मिनट का मौन रखे जाने का आह्वान है, लेकिन पूरे आदेश में बापू के नाम अथवा देश के लिए गांधी जी द्वारा अपने प्राणों की आहुति दे दिए जाने का कहीं भी उल्लेख नहीं है।
मप्र में बापू के ‘स्मरण’ के बिना 30 जनवरी को मौन…!
- मध्य प्रदेश
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- 29 Jan, 2022

शिवराज सिंह चौहान सरकार के आदेश में महात्मा गांधी के बलिदान का, आजादी के आंदोलन में उनकी भूमिका का कहीं कोई जिक्र तक न होना, गंभीर सवाल खड़े करता है।
मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है, ‘भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति में 30 जनवरी को मौन धारण किया जाएगा।’
राज्य के सभी विभाग एवं विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और कलेक्टरों के नाम जारी दो पेज तथा कई बिन्दुओं वाले जीएडी के इस आर्डर में उल्लेखित है, ‘प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को प्रातः 11 बजे सारे देश में उन शहीदों की स्मृति में जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने जीवन का बलिदान दिया है, दो मिनट का मौन रखा जाता है। समस्त कार्य और गतिविधियां रोक दी जाती हैं।’