मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा है कि वह मंगलवार को विधानसभा में बहुमत साबित करें। इसके पहले सोमवार को सदन में विश्वास मत पर मतदान होना था, पर वह नहीं हुआ। स्पीकर ने विधानसभा 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को सोमवार को एक दूसरी चिट्ठी लिखी है। बेहद कड़ी भाषा में लिखी इस चिट्ठी में कहा गया है कि 'वह मंगलवार तक सदन में बहुमत साबित करें, वर्ना यह माना जाएगा कि सरकार के पास बहुमत नहीं है।'
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राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा है, 'आपने मेरे द्वारा आपको दी गई समयावधि में बहुमत साबित करने के बजाय पत्र लिख कर विश्वास मत प्राप्त करने एवं विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है या आनाकानी की है, जिसका कोई आधार नहीं है।'
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से यह भी कहा है कि 'आपने अपने पत्र में फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के जो कारण दिए हैं, वे आधारहीन व अर्थहीन हैं।'
लालजी टंडन ने कमलनाथ से यह भी कहा है, 'आप संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए कल दिनांक 17 मार्च , 2020, तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।'
सोमवार को यह राज्यपाल की दूसरी चिट्ठी है। इसके पहले सुबह लिखी चिट्ठी में लालजी टंडन ने कमलनाथ से कहा था कि वह उनके अभिभाषण के तुरन्त बाद सदन में विश्वास मत रखें। मुख्यमंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा था कि यह स्पीकर का काम है और राज्यपाल को स्पीकर के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सुबह लिखी चिट्ठी में राज्यपाल से कहा था कि कई विधानसभा सदस्य नज़रबंद हैं। ऐसे में सदन में फ्लोर टेस्ट करवाना 'अलोकतांत्रिक' और 'असंवैधानिक' होगा।
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