कहा जाता है कि एक सफल पुरुष के पीछे स्त्री का हाथ होता है, लेकिन झारखंड की एक महिला के मामले में कहानी इसके उलट है। सफल होने पर वह ज़रूर कहेगी कि उसकी सफलता में एक पुरुष का हाथ है। उस महिला के लिए उसके पति ने काम ही कुछ ऐसा किया है। आठवीं तक पढ़े और रसोइया का काम करने वाला शख्स पत्नी को टीचर बनाने के लिए हर मुमकीन कोशिश कर रहा है। कोशिश ऐसी कि अपनी गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए 1300 किलोमीटर तक स्कूटी चलाकर परीक्षा केंद्र पहुँचाया।
ख़ुद न पढ़ सके तो पत्नी को टीचर बनाने की ज़िद, परीक्षा दिलाने को 1300 KM चलाई स्कूटी
- मध्य प्रदेश
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- 4 Sep, 2020

प्रतीकात्मक तसवीर
झारखंड के धनंजय माँझी ने अपनी गर्भवती पत्नी सोनी को परीक्षा दिलाने के लिए 1300 किलोमीटर तक स्कूटी चलाई। सोनी ग्वालियर में परीक्षा देना चाह रही थीं।
वह युवक बांग्लादेश की सीमा से सटे झारखंड के गोड्डा ज़िले से ग्वालियर आया है। गोड्डा के गंटा गाँव निवासी धनंजय मांझी पेशे से रसोइया हैं। एक कैंटीन में खाना बनाया करते थे। कोरोना संक्रमण फैला और लॉकडाउन हुआ तो कैंटीन ठप हो गया। फाकाकशी की नौबत बनी। धनंजय ने हार नहीं मानी।