कहा जाता है कि एक सफल पुरुष के पीछे स्त्री का हाथ होता है, लेकिन झारखंड की एक महिला के मामले में कहानी इसके उलट है। सफल होने पर वह ज़रूर कहेगी कि उसकी सफलता में एक पुरुष का हाथ है। उस महिला के लिए उसके पति ने काम ही कुछ ऐसा किया है। आठवीं तक पढ़े और रसोइया का काम करने वाला शख्स पत्नी को टीचर बनाने के लिए हर मुमकीन कोशिश कर रहा है। कोशिश ऐसी कि अपनी गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए 1300 किलोमीटर तक स्कूटी चलाकर परीक्षा केंद्र पहुँचाया।