मध्य प्रदेश में संक्रमण के दौर से गुज़र रही कांग्रेस को पूरी तरह से समाप्त करने की कोई कवायद हो रही है? यह सवाल केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग के ताज़ा दिशा-निर्देश के बाद से मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में तेज़ी से गूँज रहा है।
चुनाव आयोग की कार्रवाई; तो एमपी हो जाएगा 'कांग्रेस मुक्त'?
- मध्य प्रदेश
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- 17 Dec, 2020

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने एमपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे। कमलनाथ की मुश्किल बढ़ेगी।
लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले मध्य प्रदेश में पड़े आयकर छापों के मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे।
सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कई क़रीबियों के अलावा कांग्रेस के कई तत्कालीन मंत्रियों, मध्य प्रदेश के आईएएस और आईपीएस अफ़सरों के नाम दिए गए हैं।