मध्य प्रदेश के दमोह में दबंगों ने अनुसूचित जाति परिवार के तीन सदस्यों को मंगलवार सुबह गोलियों से भून दिया। हमले में इसी परिवार का एक अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल भी हुआ। घटना की वजह छेड़छाड़ की वारदात बतायी जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की धरपकड़ में जुटी है।
जानकारी के अनुसार, घटना मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे दमोह जिले के देवरान गांव में हुई। दबंगों के हमले में जख्मी महेश अहिरवार का आरोप है कि जगदीश पटेल के परिवार के दर्जन भर लोगों ने सुबह उसके घर पर हमला बोल दिया।
महेश के अनुसार, पटेल परिवार की महिला ने उनके भतीजे कैलाश पर घूरकर देखने का आरोप लगाया था। सोमवार को इस आरोप को लेकर दोनों परिवारों के बीच विवाद हुआ था।
महेश ने दावा किया कि दबंग परिवार ने उसके भतीजे पर झूठा आरोप लगाया था। विरोध करने पर मारपीट, गाली-गलौच की थी। हमने विरोध किया था।
सोमवार की घटना ने मंगलवार को बड़ा रूप ले लिया। आरंभिक सूचनाओं के अनुसार दबंग परिवार के दर्जन भर लोग डंडे-लाठी और असलाह के साथ सुबह अहिरवार के घर पहुंचे। दोनों परिवारों के बीच पहले कहा-सुनी हुई। कहा-सुनी मारपीट में बदली।
दबंग परिवार के लोगों ने बंदूकों से ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया।
फायरिंग में दलित परिवार के बुजुर्ग सदस्य घमंडीलाल अहिरवार (60 वर्ष), उसकी पत्नी राजप्यारी (58 वर्ष) और बेटे राम पटेल की मौत हो गई। एक अन्य सदस्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे गंभीर हालत में दमोह जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही जिले के कलेक्टर-एसपी दलबल के साथ गांव पहुंचे। अन्य आला अधिकारी भी गांव पहुंचे। मारे गये लोगों का परिवार कांग्रेस से जुड़ा बताया जा रहा है। गांव में हंगामा मचा हुआ है। तनाव भी व्याप्त है।
दलितों का आरोप है कि जगदीश पटेल का परिवार लगातार लोगों को परेशान और प्रताड़ित करता है। कथित निम्न जाति के लोगों की जमीनों पर कब्जा करने का आरोप भी पीड़ित लगा रहे हैं।
जमीन को लेकर अदावत
खबरों के अनुसार आरोपी और पीड़ित परिवार पड़ोसी हैं। आरोपी परिवार गांव का समृद्ध किसान परिवार है। जबकि पीड़ित परिवार के पास 5 एकड़ जमीन है। आरोप है कि समृद्ध किसान परिवार की नज़र दलित परिवार की 5 एकड़ जमीन पर है। जमीन को वह अपने कब्जे में लेने की जुगत में जुटा था। इसी बात को लेकर दोनों परिवारों के बीच अदावत चल रही है। पूर्व में दोनों परिवारों के बीच छोटे-छोटे मामलों पर विवाद होते रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान!
आज के बड़े घटनाक्रम के बाद सवाल उठाये जा रहे हैं कि दोनों परिवारों के बीच दिवाली के दिन छेड़छाड़ के आरोप को लेकर हुज्जत, मारपीट और गाली-गलौच हुई थी तो पुलिस ने समय रहते सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की? क्यों कल ही मामला-मुकदमा कायम नहीं किया गया? क्यों मामले को बढ़ने दिया गया?
पुलिस का दावा है कि सोमवार को हुए घटनाक्रम को लेकर न तो पटेल परिवार ने कोई शिकायत की थी और ना ही अहिरवार परिवार का कोई सदस्य रिपोर्ट लिखाने पुलिस के सामने आया था। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस गांव में पहुंची थी। दोनों परिवारों को समझाया था। शांत हो जाने पर पुलिस लौट आयी थी।
मंगलवार को हुई घटना के बाद बड़ी तादाद में पुलिस बल गांव पहुंचा है। आला अफसर भी मौके पर हैं। आरोपियों की पहचान करने के साथ धरपकड़ की कार्रवाई में पुलिस जुटी है।
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