मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवारों का सियासी भविष्य मंगलवार को ईवीएम में कैद हो गया। कुछ छिटपुट घटनाक्रमों को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी। वोटिंग के बाद राजनीतिक विश्लेषकों की निगाह कांग्रेस से बीजेपी में आये पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 'फैक्टर' पर आकर टिक गई हैं। उपचुनाव के नतीजे सिंधिया और उनके समर्थकों का राजनीतिक भविष्य तय करेंगे।
एमपी उपचुनाव: कमलनाथ -सिंधिया का भविष्य दांव पर
- मध्य प्रदेश
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- 7 Nov, 2020

मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवारों का सियासी भविष्य मंगलवार को ईवीएम में कैद हो गया।
मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों पर थोकबंद उपचुनाव की स्थिति ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों द्वारा की गई बगावत की वजह से ही बनी। कुल 25 विधायक बागी हुए थे। जबकि तीन सीटों पर उपचुनाव विधायकों के निधन के कारण हुआ।
राज्य की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें से 27 सीटें, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हासिल की थीं। सिर्फ़ आगर सीट बीजेपी के खाते में गई थी। साल 2018 के विधानसभा चुनाव नतीजों के हिसाब से देखें तो कांग्रेस के पास इस उपचुनाव में खोने के लिए बीजेपी की तुलना में बहुत कुछ है।