दलबदल नई बात नहीं है। भारत की राजनीति में ‘आया-राम, गया-राम’ का नारा दलबदल को लेकर ही गढ़ा गया था। लोकसभा के 2024 के चुनाव में भी दलबदल खूब चला है। मध्य प्रदेश में भी हुआ। तो सवाल है कि राज्य में दलबदल से किस दल को लाभ हुआ और किसे हानि?
मध्य प्रदेश में दलबदल से कांग्रेस को भारी नुकसान या बीजेपी को?
- मध्य प्रदेश
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- 16 May, 2024

मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नेताओं की हालत कैसी है? कांग्रेस से शामिल होने के बाद खुद बीजेपी की अंदर से क्या हालत हो गई है?
इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दावे के अनुसार मध्य प्रदेश में क़रीब 4 लाख नये सदस्य शामिल हुए हैं। नये सदस्यों की ज्वाइनिंग का आंकड़ा, भाजपा ज्वाइनिंग कमेटी के सदर और शिवराज सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा द्वारा दिया गया है। लोकसभा के इस चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 3 विधायक टूटे हैं। कमलनाथ के अभेद्य गढ़ छिन्दवाड़ा में सेंधमारी के लिए भाजपा ने अमरवाड़ा के विधायक कमलेश शाह को तोड़ा। उनके अलावा श्योपुर जिले के विजयपुर से छठवीं बार के कांग्रेस के विधायक रामनिवास रावत और सागर जिले की बीना से 2023 में पहली बार कांग्रेस की विधायक चुनी गईं निर्मला सप्रे को तोड़ा गया।