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फाइल फोटो

ईवीएम पर इंडिया गठबंधन की बैठक में होगा बड़ा फ़ैसलाः दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि, ईवीएम से होने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की क्या रणनीति होगी इस पर इंडिया गठबंधन की बैठक में बड़ा फैसला लिया जायेगा। 
दिग्विजय सिंह लंबे समय से ईवीएम मशीन पर सवाल उठाते रहे हैं। हाल ही में पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद वे ज़्यादा हमलावर हुए हैं। तमाम आरोप और आगे की रणनीति से जुड़े विषयों को लेकर ‘सत्य हिन्दी’ ने दिग्विजय सिंह से बातचीत की है। पेश हैं, उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश। 

सवालः हार के बाद ईवीएम पर ठीकरा क्यों?

भाजपा का संगठन हमसे सशक्त है, लेकिन इस बार एमपी में चुनाव कांग्रेस पार्टी नहीं जनता लड़ रही थी। नतीजे आये तो जनता ही हतप्रभ रह गई। लहर 1977 में थी। साफ दिखाई पड़ती थी। अभी तो ऐसा कुछ था ही नहीं। ईवीएम में गड़बड़ियों की पूर्ण गुंजाइश है, मेरा यह आरोप पुराना है। विधानसभा चुनाव नतीजों ने पुरानी आशंकाओं को बल दिया है।

सवालः  ईवीएम कांग्रेस के समय शुरू हुई थी? 

सही है, ईवीएम का उपयोग जब शुरू हुआ था, तब और आज की तकनीक में बड़े बदलाव हुए हैं। बदली हुई तकनीक में सबकुछ संभव है। माहौल था, उसके ठीक विपरीत नतीजे हिंदी भाषी राज्यों में आये। मशीन का खेल तो हुआ है

सवालः तेलंगाना आप जीते हैं?

यही तो कलाकारी है। वे (सत्तारूढ़ दल) प्रत्येक राज्य को जीत लेंगे तो आरोप स्वमेव सिद्ध हो जायेंगे।

सवालः कांग्रेस में आप ही बोलते हैं, मल्लिकार्जुन खड़गे जी-राहुल जी, ख़ामोश हैं?

तथ्यों और तर्कों के साथ दोनों के समक्ष मैंने पुरज़ोर तरीक़े से पूरा मामला रखा है। दोनों नेताओं ने मेरी ज्यादातर बातों को माना है। राहुल जी इस दिशा में चिंतन कर रहे हैं। उनका रूख शीघ्र ही देश के सामने आ जायेगा।

सवालः  ईवीएम से बेईमानी के आधार क्या हैं? 

ईवीएम में चिप और सॉफ्टवेयर है, इनके ज़रिये मशीन को हैक किया जा सकता है। मेनुप्लेशन संभव है। ईवीएम अथवा अन्य वो इक्विपमेंट जो चिप और सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंट्रोल होते हैं, वे टेम्पर्डप्रूफ हो ही नहीं सकते। बीजेपी चुनाव के पहले उसे मिलने वाली सीटों की संख्या बता देती है। भाजपा प्रत्याशी, स्वयं और प्रतिद्वंद्वी को मिलने वाले वोट घोषित कर देते हैं। परिणाम इनके द्वारा की जाने वाली पूर्व घोषणाओं के अनुसार आते हैं।

सवालः आपने भी तो मप्र में कांग्रेस को 130 प्लस सीट मिलने की संभावना व्यक्त की थी?

ज़मीनी हक़ीक़त मीडिया ने नहीं आंकी थी? फिर स्पष्ट करूंगा, चुनाव कांग्रेस नहीं, जनता लड़ रही थी। बीजेपी के जिन चेहरों की हार सुनिश्चित बताई या मानी जा रही थी, अप्रत्याशित रूप से वे हज़ारों वोट से चुनाव जीत गए। एक दो नहीं 75-80 सीटों पर ऐसे रिज़ल्ट आये। ऐसे ही नतीजों ने ई वी एम से जुड़ी गड़बड़ियों की आशंकाओं को बहुत ज़्यादा बढ़ाया है। इनका समाधान ज़रूरी है। पूरा देश चाहता है, चुनाव निष्पक्ष हों। 

सवालः वीवी पैट में वोटर अपना वोट देख सकता है?

यही (वीवी पैट ही) तो ‘खेल’ का बड़ा माध्यम होने का, अंदेशा बढ़ाता है। कंट्रोल यूनिट में वोट कास्ट होकर पर्ची (कास्ट किया गया वोट) वीवी पैट में नज़र आये तो शंका का काफ़ी हद तक समाधान हो सकता है। हो उलट रहा है वीवी पैट में पर्ची दिखती है, वोट - कंट्रोल यूनिट में कॉस्ट होता है। 

सवालः आप लोग (पार्टी) ठोस कदम क्यों नहीं उठाते हैं?

देश की 18 विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से समय मांगा है। अगस्त से लिखित में समय मांग रहे हैं, लेकिन आयोग समय ही नहीं दे रहा है।

सवालः क्या आप लोग चुनाव का बॉयकॉट भी कर सकते?

इस पर भी विचार हो रहा है। हम जानते हैं, कांग्रेस या समूचा विपक्ष चुनाव बहिष्कार का क़दम उठायेगा तो भी इन्हें (बीजेपी या नरेंद्र मोदी जी को) कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। वे ख़ुशी-ख़ुशी कुर्सी पर बैठ जायेंगे, (दिग्विजय सिंह मुस्कुराते हुए आगे जोड़ते हैं) बांग्लादेश में विपक्ष ने चुनाव का बॉयकॉट किया था। वहां सत्ता में रहा दल, विपक्ष और चुनाव बॉयकॉट की परवाह किए बिना पुनः सत्ता पर  काबिज़ हो गया। 

सवालः इंडिया गठबंधन क्या इस दिशा में कुछ सोचता है? 

इंडिया गठबंधन की मंगलवार को होने वाली बैठक में ईवीएम पर बातचीत तय है। मैं गठबंधन में कांग्रेस टीम का सदस्य नहीं हूं, लेकिन तमाम विपक्षी दल के नेता ईवीएम गड़बड़ियों की शिकायत को लेकर गंभीर हैं। जनता ही कह रही है, यह जनमत नहीं, ईवीएम का जनादेश है। इस बात को एलायंस पार्टनर समझ रहे हैं। कल होने वाली बैठक में 2024 लोकसभा के मद्देनज़र कोई बड़ा निर्णय होने की उम्मीद है।

सवालः विपक्ष के कई नेता तो ईवीएम में गड़बड़ियां की बात को मानते ही नहीं हैं? 

यह बात सही है, आज भी विपक्षी दलों में कई नेता नहीं स्वीकार कर रहे हैं कि ईवीएम के जरिये गड़बड़ियां संभावित हैं। विपक्ष एक राय नहीं है। गड़बड़ियों की लगातार शिकायतें सामने आने से कई नेताओं के मन बदल रहे हैं।

सवालः ईवीएम मसले को कोर्ट में नहीं ले जाया जा सकता? 

इस दिशा में भी विचार चल रहा है।  

सवालः क्या यह माना जाये कि लोकसभा चुनाव में भी ‘ईवीएम खेला’ हो सकता है? 

ये (इशारा सत्तारूढ़ दल और पीएम मोदी की ओर) कुछ भी कर सकते हैं। मैं इन्हें वर्षों से जानता हूं।  
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क़मर वहीद नक़वी
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