कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'उग्र राष्ट्रवाद' और 'हिंदू कार्ड' के जवाब में आर्थिक मुद्दों का 'पंजा' तुरुप के पत्ते के रूप में फेंका है। राहुल गाँधी ने आर्थिक मुद्दों पर प्रधानमंत्री को घेरते हुए एक बार फिर चुनावी मैच की पिच बदलने की कोशिश की है। इससे पहले रफ़ाल मुद्दे पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जवाब पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक करके लोकसभा चुनाव को 'उग्र राष्ट्रवाद' की पिच पर ले गए थे और बाद में प्रधानमंत्री ने 'हिंदू कार्ड' खेल कर अपने मन मुताबिक़ चुनाव का नैरेटिव तय करने की कोशिश की थी। लेकिन मंगलवार को कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करते हुए राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से बेरोज़गारी, ग़रीबी और किसानों के मुद्दे पर चुनावी मैच खेलने पर मजबूर किया है।
कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र जारी होने के बाद मीडिया की तरफ़ से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से पूछे गए सवालों में बार-बार राहुल का ध्यान भटकाने की कोशिश की गई। उनसे मोदी के 'उग्र राष्ट्रवाद' और 'हिंदू कार्ड' के बारे में सवाल पूछे गए। लेकिन राहुल बहुत ही चतुराई के साथ सभी सवालों से बचते हुए अपने मुद्दे पर ही डटे रहे।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार और देश की आंतरिक सुरक्षा के मामले में उनसे सीधे-सीधे बहस करने की चुनौती दे डाली।
- पहला, देश के 5 करोड़ बेहद ग़रीब परिवारों के खाते में हर साल 72,000 और 5 साल में 3,60,000 रुपये डाले जाएँगे। उन्होंने नारा दिया - 'ग़रीबी पर वार, 72 हज़ार'।
- दूसरा, राहुल गाँधी ने कहा, उनकी सरकार मनरेगा के तहत रोज़गार के दिन 100 से बढ़ाकर 150 करेगी।
- तीसरा, युवाओं को कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए किसी तरह की मंजूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी। 3 साल तक उनसे कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा और बैंकों के दरवाज़े उनके लिए खोल दिए जाएँगे।
- चौथा, कांग्रेस अध्यक्ष ने रेलवे की तरह ही किसानों का एक अलग बजट पेश करने का वादा किया है। किसानों के कर्ज़ की समस्या से निपटने के लिए राहुल गाँधी ने कहा कि किसान अगर कर्ज़ न दे पाए तो उसके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला नहीं बनेगा बल्कि उसे दीवानी अपराध माना जाएगा।
- पाँचवा, घोषणा पत्र में वादा किया गया है कि कांग्रेस की सरकार जीडीपी का 6 फ़ीसदी हिस्सा शिक्षा के लिए रखेगी। इससे सरकार को देश में नए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने में मदद मिलेगी।
सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गाँधी ने कहा कि 'पिछले सालों में बीजेपी की सरकार ने देश को बाँटने का काम किया है। कश्मीर का उदाहरण सामने है, जहाँ हताहतों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
राहुल गाँधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश को जोड़ने का काम करेगी और राष्ट्रीय और घरेलू सुरक्षा पर हमारा जोर रहेगा।
इस मौके़ पर सोनिया गाँधी, मनमोहन सिंह और पी. चिदंबरम समेत कांग्रेस के अन्य नेता भी मंच पर मौजूद थे।
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कई लोगों से चर्चा के बाद घोषणा पत्र तैयार हुआ है, जो हर किसी की उम्मीद को पूरा करेगा।
मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री
घोषणा पत्र जारी करने के बाद राहुल गाँधी ने मीडिया से बातचीत में जो तेवर दिखाए, उससे साफ़ लगता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं हैं।
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