पश्चिम बंगाल में अंतिम चरण में होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार समय से पहले ही ख़त्म करने के चुनाव आयोग के फ़ैसले को ममता बनर्जी ने भेदभावपूर्ण क़रार दिया है। उन्होने आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह फ़ैसला भारतीय जनता पार्टी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए किया गया है। इसके पहले आयोग ने कहा कि गुरुवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे होना था। चुनाव आयोग ने एडीजी (सीआईडी) और राज्य के प्रधान सचिव (गृह) को भी हटा दिया है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता में मंगलवार को हुए रोड शो के दौरान बीजेपी और तृणमूल समर्थकों के बीच ज़बरदस्त मारपीट हुई। इसकी शुरुआत तब हुई जब तृणमूल के लोगों ने शाह को काले झंडे दिखाए। इसके बाद बीजेपी के लोगों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए। इसके बाद दोनों दलों के समर्थक भिड़ गए। कुछ लोगों ने विधान सरणी स्थित विद्यासागर कॉलेज के अंदर घुस कर ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की। इसके बाद आगजनी की वारदात हुई, मारपीट और तेज हो गई। चुनाव आयोग ने विद्यासागर की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ करने की वारदात को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
बुधवार को पूरे राज्य में इसकी बहुत तीखी भर्त्सना की गई क्योंकि विद्यासागर पश्चिम बंगाल की अस्मिता के प्रतीक माने जाते हैं। तृणमूल नेता और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को उसी रास्ते पैदल रोड शो किया, जिस रास्ते शाह ने एक दिन पहले रोड शो किया था। इस रोड शो में राज्य के कई बुद्धिजीवियों और कलाकारों ने भी भाग लिया। इसके बाद भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने एक अलग प्रदर्शन किया, जिसमें विद्यासागर की प्रतिमा का साथ तोड़फोड़ करने की वारदात की घनघोर निंदा की गई। इस प्रदर्शन में भी कई जाने माने बुद्धिजीवियों और कलाकारों ने शिरकत की।
बंगाल में इस बार भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल में जोरदार लड़ाई है। लोकसभा चुनाव के छह चरणों में लगातार हिंसा हुई है। चुनाव से पहले कई बार बीजेपी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने उन्हें जनसभा और पदयात्रा करने से रोकने की कोशिश की है। बीजेपी की रणनीति है कि लोकसभा चुनाव में अगर उसे कुछ राज्यों में सीटों का नुक़सान होता है तो वह उसकी भरपाई बंगाल से कर ले। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस का लक्ष्य है कि वह पश्चिम बंगाल से जीती गई मौजूदा 34 लोकसभा सीटों को न केवल बरक़रार रखे बल्कि बीजेपी को राज्य में न घुसने दे।
मोदी के इशारे पर फ़ैसला
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के फ़ैसले की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर यह फ़ैसला लिया है। इसके पहले तृणमूल ने बीजेपी और मोदी के ख़िलाफ़ कई बार शिकायतें कीं, पर आयोग ने कभी कोई फ़ैसला नहीं किया। यह फैसला असंवैधानिक, एकतरफ़ा और बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाने के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार की तोड़फोड़ और हिंसा की चर्चा करते हुए बीजेपी पर गंभीर आरोप मढ़ा और कहा कि वह दंगा करना चाहती थी। बनर्जी ने कहा कि भगवा पहने लोगों ने हिंसा की, तोड़फोड़ की। वे चाहते थे कि दंगा शुरू हो जाए और अगले चरण के चुनाव में उसका फ़ायदा उन्हें मिले। पर राज्य सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।
बंगाली अस्मिता का सवाल
तृणमूल की नेता ने पश्चिम बंगाल की अस्मिता का मुद्दा उठाते हुए इसे सीधे नरेंद्र मोदी से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मोदी ने विद्यासागर की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ करवा कर पूरे पश्चिम बंगाल का अपमान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी पश्चिम बंगाल से डरते हैं, वे ख़ुद ममता बनर्जी से डरते हैं। लिहाज़ा, वे इस तरह की हरकत करते हैं।
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