उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के कांग्रेस आलाकमान के फ़ैसले से प्रदेश इकाई में ख़ासी बेचैनी है। प्रदेश कांग्रेस के तमाम छोटे-बड़े नेता और लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोग इस फ़ैसले से हैरान और परेशान हैं। इन नेताओं का मानना है कि सपा-बसपा गठबंधन के बाद कांग्रेस का अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फ़ैसला आत्मघाती क़दम है। नेताओं का मानना है कि अकेले चुनाव लड़कर कांग्रेस अमेठी और रायबरेली के बाहर शायद ही कोई और सीट जीत पाए। ऐसे में तमाम दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं। लेकिन, उनका यह भी कहना है कि अगर आलाकमान ज़ोर देगा तो उन्हें चुनाव लड़ना ही पड़ेगा, चाहे नतीजा जो हो।