सेना के प्रचार में इस्तेमाल पर चुनाव आयोग की चेतावनी के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने आज साफ़-साफ़ शब्दों में सेना के नाम पर वोट माँगा। युवा वोटरों से मोदी ने अपील की कि क्या आपका पहला वोट बालाकोट एयरस्ट्राइक करने वाले वीर जवानों को डाला जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका ये वोट सीधा मोदी को जाएगा। यह पहला मौक़ा नहीं है जब प्रधानमंत्री के भाषण की आचार संहिता के उल्लंघन के लिए आलोचना की गयी। 'नमो टीवी' को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। लेकिन चुनाव आयोग की ओर से अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। चुनाव आयोग के ऐसे रवैये को लेकर अफ़सरों के एक समूह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आचार संहिता का कई बार उल्लंघन हुआ है और शिकायतें दर्ज कराने के बाद चुनाव आयोग द्वारा यदि कार्रवाई भी की गयी तो मामूली कार्रवाई की गयी है।
क्या चुनाव आयोग ख़तरे में, 66 अफ़सरों ने क्यों लिखी चिट्ठी?
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- 9 Apr, 2019
क्या चुनाव आयोग की आचार संहिता कारगर नहीं है? यदि ऐसा है तो 66 पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम पत्र क्यों लिखा है? चुनाव आयोग के कामकाज के तरीक़े पर आपत्ति क्यों है?
