कल अपने आदरणीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का एक नया ब्लॉग पढ़ा। एक के बाद एक ब्लॉग के सामने आने से दिल को सुकून मिला कि वह शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ओर अग्रसर हैं। यह सबसे सुखद ख़बर है। अब ज़रा उनके लिखे विषयों और उनके विश्लेषण पर गौर किया जाए। जेटली जी के हालिया ब्लॉग से इस बात की पुनः पुष्टि होती है कि अगर ब्रीफ़ या यूँ कहें कि वकालतनामा कमज़ोर हो तो एक बेहतरीन वकील भी अपना संतुलन खो बैठता है।
जेटली जी, कुतर्क मत गढ़िये! देवकांत बरुआ मत बनिए
- चुनाव 2019
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- 22 Jan, 2019

वित्त मंत्री जेटली कोलकाता की रैली को मोदी विरोधी कैंपेन बताते हैं। जबकि हम किसी व्यक्ति के विरोधी नहीं हैं बल्कि उसकी विनाशकारी नीतियों के विरोधी हैं।
विनाशकारी नीतियों के हैं विरोधी
कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता जी द्वारा आहूत महारैली के बारे में वह कहते हैं कि यह सिर्फ़ मोदी विरोधी कैंपेन है। हम हज़ार बार अवाम की मनोभावना दुहरा चुके हैं कि हम मोदी जी के विरोधी नहीं हैं बल्कि उस व्यक्ति में सन्निहित और उनके द्वारा परिलक्षित विनाशकारी नीतियों के विरोधी हैं। इन्हीं नीतियों के कारण आज समाज के हर वर्ग और जातियों में कोहराम मचा हुआ है।