प्रसिद्ध मराठी कवि यशवंत मनोहर ने इसलिए साहित्य सम्मान लेने से इनकार कर दिया क्योंकि कार्यक्रम में 'सरस्वती पूजा' की गई और माल्यार्पण किया गया। उन्होंने यह कहते हुए सम्मान स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि 'ज्ञान की देवी का चित्र शोषण का प्रतीक' है और यह भी कि वह साहित्य के कार्यक्रम में धार्मिक कार्यक्रम के पक्षधर नहीं हैं।यशवंत मनोहर को विदर्भ साहित्य संघ द्वारा लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवार्ड के लिए चुना गया है। 'फ्री प्रेस जर्नल' की रिपोर्ट के अनुसार, विदर्भ साहित्य संघ को लिखे अपने पत्र में मनोहर ने लिखा है कि देवी का चित्र 'शोषण का प्रतीक था जो शिक्षा और ज्ञान से महिलाओं और शूद्रों को रोकता था। मैं साहित्यिक कार्यक्रमों में धर्म का पक्षधर नहीं हूँ।'