मेरी तब उन से औपचारिक मुलाक़ात नहीं थी जब मैंने उनको इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में खुली जगह पर एक गोष्ठी के दरमियान देखा। वे कौन हैं जो गरारे और कुर्ती के साथ सिर पर दुपट्टा ओढ़े हुए हैं! गौरवर्ण और अच्छी सेहत मैं उनको बहुत देर तक देखती रही, वे मेरी ओर देखकर मुस्कुराईं अपरिचित के बाद भी जैसे अक्सर इंग्लिश लोग मुस्कुराकर अभिवादन करते हैं।
'मित्रो मरजानी' की ज़रूरतें आज भी अधूरी हैं!
- श्रद्धांजलि
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- 25 Jan, 2019

स्त्री की शारीरिक ज़रूरतें और उस पर थोपे गई यौन शुचिता के पाखंड को अपने उपन्यास मित्रो मरजानी में कृष्णा सोबती ने बखूबी उभारा था। क्या कहना है मैत्रेयी पुष्पा का?
मैत्रेयी पुष्पा जानी-मानी हिंदी लेखिका हैं। उनके 10 उपन्यास और 7 कथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें 'चाक'