मेरी तब उन से औपचारिक मुलाक़ात नहीं थी जब मैंने उनको इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में खुली जगह पर एक गोष्ठी के दरमियान देखा। वे कौन हैं जो गरारे और कुर्ती के साथ सिर पर दुपट्टा ओढ़े हुए हैं! गौरवर्ण और अच्छी सेहत मैं उनको बहुत देर तक देखती रही, वे मेरी ओर देखकर मुस्कुराईं अपरिचित के बाद भी जैसे अक्सर इंग्लिश लोग मुस्कुराकर अभिवादन करते हैं।