वरिष्ठ कवयित्री अनामिका का कविता संग्रह 'पानी को सब याद था' गाँव-देहात से लेकर शहरों तक की औरतों का अद्भुत कविता-कोलाज़ है। ये एक ऐसा अलबम है जिसमें स्त्रियों की अनगिनत छवियाँ संजोई गई हैं। ये छवियाँ अतीत की संदूक से ही नहीं निकली हैं, वे वर्तमान की चक्की से भी पैदा हुई हैं और भविष्य की आकांक्षाओं से झाँककर देखती हुई भी हैं।
पुस्तक समीक्षा : पानीदार स्त्रियों की छवियों का विराट कोलाज
- साहित्य
- |
- |
- 25 Oct, 2020

कवयित्री जैसे अपना कैमरा लेकर हर अँधेरे-उजले कोने में जाती हैं और वहाँ मौजूद स्त्रियों की तसवीरें खींचती चली जाती हैं। स्त्रियाँ, अलग-अलग चेहरों, कद-काठी, सोच-समझ वाली, ठिठकी हुईं, जूझती हुईं, हारती और जीतती हुईं।