कर्नाटक में लोकसभा चुनाव को लेकर एक चुनावी सर्वे से बीजेपी को झटका लग सकता है। ईडिना के चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के अनुसार कर्नाटक में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 28 में से 17 सीटें मिलने की संभावना है। राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को 11 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे में कई सवाल पूछे गए हैं और उसमें लोगों की राय जानी गई है। इन सवालों में केंद्र सरकार की योजनाओं से लेकर महंगाई और नौकरी जैसे सवाल भी शामिल हैं।
यह सर्वे कन्नड़ समाचार पोर्टल ईडिना ने 15 फरवरी से 5 मार्च के बीच किया है। इसकी रिपोर्ट के अनुसार इसने पूरे कर्नाटक में 52,678 लोगों का रैंडम घर-घर सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के अनुसार, सात सीटों पर कांटे की टक्कर है। यानी इन सीटों पर नतीजे कुछ भी हो सकते हैं।
सर्वे के अनुसार आम चुनाव में राज्य में कांग्रेस को कुल वोट का 43.77%, जबकि बीजेपी-जेडीएस को 42.35% वोट मिलने की संभावना है। यदि यह भविष्यवाणी सच होती है तो कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने वोट शेयर में 31% से सुधार करेगी। दूसरी ओर बीजेपी को 2019 के चुनाव में मिले 51% वोटों में गिरावट देखने को मिल सकती है।
ईडिना ने 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले इसी तरह का सर्वेक्षण किया था और चुनाव से तीन सप्ताह पहले कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी। जब चुनाव नतीजे आए थे तो इसकी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई थी।
क़रीब 45% सर्वे किए गए लोगों ने यह भी महसूस किया कि पिछले 10 वर्षों में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। 'द न्यूज़ मिनट' ने सर्वे के हवाले से रिपोर्ट दी है कि 42% लोगों ने माना कि अमीर और गरीब के बीच अंतर भी बढ़ गया है। क़रीब 37.6% लोगों को लगता है कि कल्याणकारी योजनाएँ कम हो गई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सर्वेक्षण में शामिल क़रीब आधे लोगों यानी 47% को लगता है कि भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार हुआ है। लगभग 33% लोगों को लगता है कि पीएम मोदी का काम उत्कृष्ट है और 35.8% ने कहा कि उनका काम संतोषजनक है। लगभग आधे 45% लोगों को यह भी लगता है कि मोदी को पीएम के रूप में तीसरा कार्यकाल मिलना चाहिए।
हालाँकि 56% लोगों को लगता है कि वे कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के पक्ष में मतदान करेंगे। यदि महिलाओं पर नजर डालें तो यह संख्या बढ़ जाती है और 59% महिलाओं को लगता है कि वे कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के पक्ष में मतदान करेंगी।
39.6% लोगों को लगता है कि राज्य सरकार की गारंटी केंद्र सरकार की योजनाओं की तुलना में अधिक उपयोगी है, जबकि 20% लोगों को लगता है कि केंद्र सरकार की योजनाएँ अधिक फायदेमंद हैं। लगभग 26% लोगों को लगता है कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों की योजनाएं मददगार हैं।
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