क्या झामुमो ने झारखंड विधानसभा चुनावों में वोटों के ध्रुवीकरण के लिए एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण का कार्ड खेला है? 
क्या एससी, एसटी, ओबीसी को अपने पाले में लाने और अगड़ों-पिछड़ों के बीच के विभाजन को और तीखा करने के मक़सद से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने घोषणा की है कि वह सत्ता में आई तो इन वर्गों के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में 67 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी?