केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा जैसे उच्च शिक्षा प्राप्त और ऊंचे पदों पर काम करने वाले आदमी को भी सांप्रदायिकता की राजनीति क्यों करनी होती है? वह क्यों गोरक्षकों और पीट पीट कर मार डालने के मामले के अभियुक्तों के साथ खड़े होते हैं और उनकी मदद करते हैं? देश की राजनीति किस तरफ जा रही है? ये सवाल इसलिए उठते हैं कि बीते दिनों उन्होंने ख़ुद कहा कि उन्होंने हत्या के अभियुक्तों की आर्थिक मदद की क्योंकि उन्हें लगता है कि वे निर्दोष हैं और उन्हें ग़लत तरीके से सज़ा दी गई है।