आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में एक कश्मीरी पंडित को आज फिर से निशाना बनाया और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। यह घटना शोपियां जिले में घटी।
अधिकारियों का कहना है कि पूरन कृष्ण भट पर दक्षिण कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाक़े में उनके आवास के पास हमला किया गया था। उन्होंने कहा कि जब भट को शोपियां अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका कहना है कि इलाक़े की घेराबंदी कर दी गई है और अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार भट के स्कूल जाने वाले दो बच्चे हैं। एनडीटीवी ने एक एक रिश्तेदार के हवाले से रिपोर्ट दी है कि एक लड़की जो कक्षा 7 में पढ़ती है और एक छोटा लड़का जो कक्षा 5 में है। उन्होंने कहा, 'वह अपने घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, घर के अंदर ही रहते थे। हम बहुत डरे हुए हैं।'
आतंकियों ने 11 अगस्त की रात को बांदीपोरा में एक प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज बिहार के मधेपुरा का रहने वाला था। आतंकियों ने अमरेज को बांदीपोरा के अजास इलाक़े में गोली मारी थी। इससे पहले राजौरी में आतंकियों ने सेना के शिविर पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी भी मारे गए थे।
लगातार हो रही टारगेट किलिंग
कुछ महीने पहले पुलवामा में एक आतंकी हमले के दौरान बिहार के एक प्रवासी मजदूर मोहम्मद मुमताज की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे। घायल मजदूर मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद मकबूल भी बिहार के ही थे।
जून में बडगाम के चढूरा गांव में आतंकियों ने दो मजदूरों को गोली मार दी थी। इसके अलावा कुलगाम में एक बैंक मैनेजर विजय कुमार की आतंकियों ने बैंक में घुसकर हत्या कर दी थी। विजय कुमार राजस्थान के रहने वाले थे। 31 मई को कुलगाम के सरकारी स्कूल में टीचर रजनीबाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बिहार के मज़दूर दिलखुश कुमार और बडगाम जिले की सोशल मीडिया पर सक्रिय कलाकार अमरीन भट्ट की भी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पिछले साल अक्टूबर में पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए थे जिनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो प्रवासी हिंदू शामिल थे।
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