कश्मीरी पंडितों की हत्याएँ क्यों नहीं रुक रही हैं? पिछले एक साल से टारगेट किलिंग के मामले बढ़े हैं और इसमें आप्रवासी लोगों के साथ ही कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है।
कश्मीर में गुरुवार को एक बैंक मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। एक दिन पहले एक शिक्षिका को मार दिया गया था। कश्मीरी पंडित निशाने पर हैं। आख़िर 2019 में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद टारगेट किलिंग की घटनाएँ क्यों बढ़ीं?
भारत की कश्मीर घाटी में आम लोगों से लेकर अफ़ग़ानिस्तान के कुंदूज़ की एक शिया मसजिद में आत्मघाती हमले में नमाजियों को निशाना बनाने के पीछे मक़सद क्या है? अमन पसंद लोगों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?