आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच की लड़ाई में पल रहा कश्मीर का बचपन तेज़ी से बदल रहा है। बम विस्फोट, मुठभेड़, अपहरण, पेलेट गन और गोलीबारी के बीच बढ़ रहे बच्चों का रुझान उस तरह के खेलों की ओर हो रहा है, जो शेष भारत में नहीं खेले जाते या कश्मीर में भी पहले नहीं खेले जाते थे। इन खेलों में आतंकवाद की छाप दिखती है, बच्चों में मन पर हिंसा का बढ़ता प्रभाव दिखता है।