सुप्रीम कोर्ट ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला से जुड़ी याचिका खारिज कर दी है। एमएडीएमके नेता वाइको ने अब्दुल्ला की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) के तहत याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। अदालत ने वाइको से कहा है कि अब्दुल्ला
पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ़्तार किए गए हैं, लिहाज़ा वह उससे जुड़ी अदालत के समाने याचिका रख सकते हैं। इससे साफ़ लगता है कि अब्दुल्ला को अभी और जेल में रहना होगा। पीएसए के तहत किसी आदमी अधिकतम 2 साल तक जेल में बग़ैर सुनवाई के रखा जा सकता है।
वाइको ने कहा है कि वह तमिलनाडु में एक कार्यक्रम कराना चाहते हैं और अब्दुल्ला को इसमें आमंत्रित किया है, उनका वहाँ रहना ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा है कि अब्दुल्ला का संवैधानिक हक़ छीन लिया गया है और उन्हें ग़ैरक़ानूनी ढंग से नज़रबंद कर दिया गया है।
वाइको के याचिका दायर करने के चार दिन बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उन पर पीएसए लगा दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने एक दूसरे महत्वपूर्ण फ़ैसले में अनुच्छेद 370 में बदलाव से जुड़ी तमाम याचिकाओं को 5 जजों के एक खंडपीठ को सौंप दिया है। इसकी अगुआई जस्टिस एन. वी. रमण करेंगे।
अपनी राय बतायें