जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव के बीच ही रोशनी घोटाले का शोर खड़ा हो गया है। ख़बरों के मुताबिक़, इस घोटाले में नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी और कांग्रेस के नेताओं का नाम सामने आ रहा है। जितनी शोर-शोर से इस घोटाले को उठाया जा रहा है, क्या वास्तव में इसमें उतना दम है, इसकी पड़ताल करनी ज़रूरी है। लेकिन पहले ये समझना होगा कि ये रोशनी घोटाला क्या है।
कश्मीर: डीडीसी चुनाव के बीच रोशनी घोटाले को लेकर सियासत गर्म
- जम्मू-कश्मीर
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- 25 Nov, 2020
जम्मू-कश्मीर में डीडीसी चुनाव के बीच ही रोशनी घोटाले का शोर खड़ा हो गया है। ख़बरों के मुताबिक़, इस घोटाले में नेशनल कॉन्फ्रेन्स, पीडीपी और कांग्रेस के नेताओं का नाम सामने आ रहा है।

2001 में फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार ने रोशनी एक्ट बनाया था। एक्ट का उद्देश्य यह बताया गया था कि राज्य सरकार की ज़मीनों पर जिन लोगों का अवैध कब्जा है, उनसे इसे वापस लेकर नियमित किया जाएगा या जिन लोगों के पास ऐसी ज़मीनें हैं, उन्हें इसके वैध अधिकार दिए जाएंगे।
इसके बाद जिन लोगों का सरकार की ज़मीनों पर अवैध कब्जा था, उन्होंने ज़मीनों के मालिकाना अधिकारों को बेचना शुरू कर दिया। इससे मिलने वाले पैसे से राज्य में बिजली के लिए पावर प्रोजेक्ट लगाने की बात कही गई थी।