दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ज़फ़र-उल-इसलाम ख़ान और 6 अलाभकारी संस्थाओं के 9 ठिकानों पर राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी के छापे से कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। केंद्र सरकार पर यह आरोप पहले से लगता रहा है कि वह केंद्रीय एजेन्सियों का इस्तेमाल अपने विरोधियों को परेशान करने और उनके राजनीतिक पर कतरने के लिए करती है। इन आरोपों के बीच अब यह भी कहा जाना लगा है कि वह राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी यानी एनआईए का इस्तेमाल विरोध या असहमति के सुरों को दबाने के लिए कर रही है।
एनआईए ने 'फलाह-ए-आम ट्रस्ट,' 'चैरिटी अलायंस,' 'ह्यूमन वेलफ़ेयर फाउंडेशन,' 'जम्मू-कश्मीर यतीम फ़ाउंडेशन,' 'साल्वेशन मूवमेंट' और 'जम्मू-कश्मीर वॉयस ऑफ़ विक्टिम्स' के यहां छापे मारे हैं।