एक साल से ज़्यादा समय तक हिरासत में रहीं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि उन्हें 'फिर से अवैध हिरासत' में लिया गया है। उनका आरोप है कि दो दिनों से जम्मू-कश्मीर प्रशासन पुलवामा में उन्हें जाने की अनुमति नहीं जाने दे रहा है। उनका कहना है कि वह अपनी पार्टी पीडीपी के युवा ईकाई अध्यक्ष वहीद रहमान के परिजनों से मिलने जाना चाहती हैं। महबूबा ने कहा है कि उनकी बेटी इल्तिजा को घर में नज़रबंद कर दिया गया है।
महबूबा मुफ़्ती ने इसको लेकर ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मुझे फिर से अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। दो दिनों से जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने मुझे पुलवामा में वहीद के परिवार से मिलने जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। बीजेपी के मंत्रियों और उनके कठपुतलियों को कश्मीर के हर कोने में घूमने की अनुमति है, लेकिन सुरक्षा केवल मेरे मामले में एक समस्या है।'
Their cruelty knows no bounds. Waheed was arrested on baseless charges & I am not allowed to even console his family. Even my daughter Iltija has been placed under house arrest because she also wanted to visit Waheed’s family.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
इसके साथ ही उन्होंने अपनी बेटी के हिरासत में लिए जाने के बारे में भी ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'उनकी क्रूरता की कोई सीमा नहीं है। वहीद को आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और मुझे उसके परिवार को सांत्वना देने की भी अनुमति नहीं है। यहाँ तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी घर में नज़रबंद रखा गया है क्योंकि वह भी वहीद के परिवार से मिलना चाहती थी।'
उन्होंने कहा है कि वह इस मामले में आज ही प्रेस कॉन्फ़्रेंस करेंगी।
महबूबा मुफ़्ती जिस वहीद रहमान के परिवार से मिलने जाना चाहती हैं उन्हें नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी ने बुधवार को आतंकियों से संबंध के आरोपों में गिरफ़्तार किया है। आरोप लगाया गया है कि एक आतंकवादी मामले में हिज़बुल मुजाहिदीन के कमांडर नवीद बाबू से वहीद रहमान के संबंध हैं।
एनआईए का कहना है कि उनका नाम निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह के मामले में जाँच के दौरान सामने आया, जिन्हें इस साल की शुरुआत में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर एक वाहन में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को ले जाते हुए गिरफ्तार किया गया था।
माना जाता है कि वहीद रहमान महबूबा के क़रीबी हैं। वहीद दक्षिणी कश्मीर में पीडीपी को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खासकर उग्रवाद प्रभावित पुलवामा में जहाँ से उन्होंने डीडीसी चुनावों के लिए अपना नामांकन भी दाखिल किया है।
बता दें कि हाल ही में महबूबा मुफ़्ती को रिहा किया गया है। पिछले साल पाँच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दो हिस्सों में बाँटने के दौरान महबूबा सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। वह एक साल से ज़्यादा हिरासत में रखी गईं। नेशनल कॉन्फ़्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के बाद ही महबूबा को रिहा किया जा सका।
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