loader

पश्चिमी यूपी: सड़क पर उतरे किसान, जाम किया हाईवे

केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हरियाणा और पंजाब के किसानों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों का भी साथ मिला। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को मुज़फ्फरनगर, मेरठ, बागपत में हाईवे को जाम कर दिया और दिल्ली-देहरादून हाइवे पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया।  

भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार हरियाणा, पंजाब के किसानों के साथ अत्याचार कर रही है और इसके ख़िलाफ़ वे भी आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार एमएसपी को शामिल करे और इसे लिखकर दे। टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में किसान सड़कों पर उतरे। इससे पहले किसानों ने बुधवार को मुज़फ्फरनगर में पंचायत भी की थी। 

ताज़ा ख़बरें

टिकैत ने कहा कि हम सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं और राशन-पानी साथ लेकर उतरे हैं। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि किसानों को रोका जाना, बल प्रयोग किया जाना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। 

इस बीच, कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हुंकार भर रहे हरियाणा और पंजाब के किसानों का संघर्ष रंग लाया है। किसानों को दिल्ली के अंदर आने की इजाजत दे दी गई है लेकिन इस दौरान पुलिस उनके साथ रहेगी। पुलिस ने सभी किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में जाने की इजाजत दी है। इससे पहले किसान लगातार संघर्ष करते हुए शुक्रवार सुबह दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए थे। 
Farmers protest in western UP  - Satya Hindi

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सारे इंतजाम किए थे। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछार की। बड़ी संख्या में पुलिस, सीआरपीएफ़ और अन्य पुलिस फ़ोर्स की तैनाती भी की गई है। इससे पहले गुरूवार को पुलिस की तमाम बर्बरताओं को झेलने के बाद भी किसान डिगे नहीं और लगातार आगे बढ़ते रहे। 

हरियाणा सरकार की कोशिश थी कि किसान किसी भी क़ीमत पर दिल्ली न पहुंच पाएं। इसलिए हरियाणा-पंजाब बॉर्डर्स से जो किसान आगे बढ़ चुके थे, उन्हें दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर पर रोके जाने के लिए जोरदार तैयारी की गई थी। गुरुग्राम, फरीदाबाद, बदरपुर, सिंघू और टिकरी बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया था। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ, भारतीय किसान यूनियन सहित कई संगठनों ने इस 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें