जम्मू कश्मीर में जब सितंबर की शुरुआत में लोकसभा सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद के नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) ने विधानसभा चुनाव के लिए जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से गठबंधन कायम किया तो इस खबर को राष्ट्रीय अखबारों और चैनलों ने सुर्खियां बनाया था। इन्हें इस चुनाव का गेम चेंजर बताया गया था। कांग्रेस से बाहर आये गुलाम नबी आजाद की आजाद पार्टी ने वैसे ही लोकसभा चुनाव से लेकर इस चुनाव तक एक हव्वा खड़ा किया हुआ था। जबरदस्त साधनों के साथ चुनाव लड़ने वाली इन तीनों पार्टियों की रैलियों में भीड़ उमड़ने लगी। अब जब एनसी-कांग्रेस गठबंधन राज्य में सरकार बनाने की तरफ बढ़ रहा है। इस जीत ने छोटी पार्टियों को बहुत पीछे छोड़ दिया है।
जम्मू कश्मीरः किस हवा में उड़ गये गुलाम नबी आजाद, इंजीनियर रशीद और जमात
- जम्मू-कश्मीर
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- 29 Mar, 2025
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गुलाम नबी आजाद की आजाद पार्टी, इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी और जमात ए इस्लामी समेत कई छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का खौफ चुनाव विश्लेषकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के मुकाबले पैदा कर दिया था। ये भी कहा जा रहा था कि इन्हें भाजपा ने मैदान में उतारा था ताकि एनसी-कांग्रेस के वोट काटे जा सकें। लेकिन नतीजा सामने है। जम्मू से लेकर कश्मीर घाटी तक एनसी और कांग्रेस ने शानदार चुनावी प्रदर्शन किया है। उन्हें बहुमत मिल गया है और उनकी सरकार बनने जा रही है।
