कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों में छेड़छाड़ की आशंका जताई है। आशंका क्या जताई है, एक तरह से पार्टी ने छोड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसने कहा है कि हरियाणा में चुनाव परिणाम अप्रत्याशित और चौंकाने वाले हैं और कांग्रेस उन्हें स्वीकार नहीं कर सकती।
रुझानों में शुरुआती बड़ी बढ़त के बाद अचानक से भाजपा की बढ़त दिखने लगी और फिर जीत भी मिलने लगी। इसी बीच पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़े आरोप लगाए। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'हिसार, महेंद्रगढ़ और पानीपत जिलों से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि यहां ईवीएम की बैट्री 99% थी। इन जगहों पर कांग्रेस को हराने वाले नतीजे आए। वहीं, जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60%-70% थी, वहां हमें जीत मिली।'
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— Congress (@INCIndia) October 8, 2024
उन्होंने कहा है कि ये तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार है, हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा है कि 'हम इन सारी शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग जाएंगे।'
मंगलवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयराम रमेश ने कहा, 'हरियाणा के नतीजे पूरी तरह से अप्रत्याशित, पूरी तरह से आश्चर्यजनक और विरोधाभासी हैं। यह वास्तविकता के खिलाफ है। यह हरियाणा के लोगों द्वारा तय किए गए बदलाव के खिलाफ है। इन परिस्थितियों में हमारे लिए आज घोषित परिणामों को स्वीकार करना संभव नहीं है। हरियाणा में आज हमने जो देखा है वह हेरफेर की जीत है, लोगों की इच्छा को विफल करने की जीत है और यह पारदर्शी, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की हार है। हरियाणा का अध्याय अभी पूरा नहीं हुआ है।'
इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या पार्टी को आत्मचिंतन करने की ज़रूरत है, क्योंकि हरियाणा में 16 मौजूदा विधायक हार गए हैं और जम्मू-कश्मीर में चुनाव केवल नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में जीते गए हैं, जयराम रमेश ने कहा कि इसके लिए समय आएगा, लेकिन उन्होंने कहा, 'अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जीत हमसे छीन ली गई है। सिस्टम का दुरुपयोग किया गया है।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि शुरुआती रिपोर्टों के आधार पर, हरियाणा में कम से कम 12-14 सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारों ने गंभीर सवाल उठाए हैं, जो मतगणना प्रक्रिया की ईमानदारी और ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी कानूनी रास्ता अपनाएगी, जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग उसका पहला पड़ाव है और उसके बाद वह इस पर फैसला करेगा कि और क्या करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा,
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ईवीएम की विश्वसनीयता और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों पर डाले गए असाधारण दबाव पर गंभीर सवाल हैं। हरियाणा में 'डबल इंजन' की सरकार रही है, इसलिए यह 'डबल इंजन' का दबाव था। जो लोग अच्छे अंतर से आगे चल रहे थे, वे 50, 100, 250 वोटों से हार गए। इसे केवल हेरफेर और दबाव से ही समझाया जा सकता है।
जयराम रमेश, कांग्रेस नेता
इससे पहले दिन में कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसमें हरियाणा चुनाव के परिणामों को अपडेट करने में धीमी गति की शिकायत की गई थी। इस पर चुनाव आयोग से जवाब आया। चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 25 राउंड हर पांच मिनट में अपडेट किए जा रहे हैं। अपने जवाब में चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि वह 'गैर-जिम्मेदार, निराधार और अपुष्ट दुर्भावनापूर्ण नैरेटिव को गुप्त रूप से विश्वसनीयता प्रदान करने के आपके प्रयास को स्पष्ट रूप से खारिज करता है'।
Here’s my reply to the EC’s response to my letter from earlier today, highlighting the delay in uploading up-to-date data on trends in the Haryana Vidhan Sabha Elections pic.twitter.com/go4YAFT9QH
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 8, 2024
बहरहाल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर की जनता ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को स्पष्ट बहुमत दिया है। यहां सरकार बनने के बाद हमारी पूरी प्राथमिकता होगी कि UT को राज्य का दर्जा दिया जाए।'
पवन खेड़ा ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुआ। जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीना गया और केंद्र सरकार ने LG के माध्यम से वहां जैसे शासन चलाया, ये सबने देखा। इस दौरान, वहां न आम आदमी सुरक्षित रहा और न पर्यटक सुरक्षित रहे। कश्मीरी पंडितों से किए गए वादे भी भुला दिए गए। जम्मू-कश्मीर के बाशिंदों ने एक स्पष्ट जनादेश दिया है, इसलिए वहां के लोगों को बहुत बधाई।'
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