क्या राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति आतंकवादियों को हत्या करने के लिए उकसा सकते हैं? क्या वह किसी राजनेता, अफ़सर या पूर्व नौकरशाह की हत्या के लिये कह सकते हैं? इन सवालों पर बहस इसलिए शुरू हो गई है कि एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कुछ ऐसा ही बयान दे दिया है। हालाँकि, उन्होंने अपने इस बयान पर ख़ेद जताया है और कहा है कि उन्होंने ‘ग़ुस्से और हताशा में’ यह बात कह दी थी। सवाल है कि क्या एक सार्वजनिक कार्यक्रम में आतंकवादियों को हत्या के लिए उकसाने की बात कहना किसी आवेग में हो सकता है?
राज्यपाल ने नेताओं-अफ़सरों की हत्या के लिए आतंकियों को क्यों उकसाया?
- जम्मू-कश्मीर
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- 22 Jul, 2019
क्या राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति आतंकवादियों को हत्या करने के लिए उकसा सकता है! वह भी वैसे लोगों की हत्या के लिए जो राजनेता, अफ़सर या पूर्व नौकरशाह हों।
