जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। इनमें हिज़बुल मुजाहिदीन का स्थानीय कमांडर भी था। इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी जीत माना जाता है। यह आतंकवादी गुट पाकिस्तान से काम करता है।
दक्षिण कश्मीर के इस आतंकवाद प्रभावित ज़िले के कुलचोहर इलाक़े में हिज़बुल कमांडर मसूद अहमद बट्ट के अलावा दो दूसरे आतंकवादी मारे गए। पुलिस का दावा है कि मसूद और उसके दो साथियों के ख़ात्मे के साथ ही इस ज़िले से आतंकवादियों का सफ़ाया हो गया।
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साझा अभियान
इन आतंकवादियों के ख़ात्मे के लिए सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ़ ने साझा अभियान चलाया था। मारे गए आतंकवादियों के पास से एक एके-47 राइफ़ल और दो पिस्तौल बरामद किए गए।जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने एनडीटीवी से कहा, ‘कुलचोहर में स्थानीय पुलिस और राष्ट्रीय राइफ़ल्स की स्थानीय ईकाई के साझा अभियान में हिज़बुल मुजाहिदीन का ज़िला कमांडर और उसके दो साथी मारे गए।’
उन्होंने कहा कि ‘डोडा पुलिस ने मसूद पर बलात्कार का एक मुक़दमा दर्ज किया था, वह उसी समय से फ़रार था। बाद में वह हिज़बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया और उसने अपनी जगह बदल ली।’
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा था कि दक्षिण कश्मीर में 29 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं।
'आतंकवादियों का सफ़ाया'
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कश्मीर क्षेत्र पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट में कहा, ‘आज के सफल अभियान के बाद, त्राल क्षेत्र में अब हिज़बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों की मौजूदगी नहीं है। यह 1989 के बाद पहली बार हुआ है।’जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलने के बाद वहाँ हिजबुल मुजाहिदीन का दबदबा था। घाटी में इसके कई हजार कैडर सक्रिय थे। बुरहान वानी और ज़ाकिर मूसा समेत संगठन के कई शीर्ष कमांडर त्राल क्षेत्र से थे। वे मारे जा चुके हैं।
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