चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा तीन साल बाद हो रहा है। तो क्या यह एक संकेत है कि घाटी में जल्द चुनाव होंगे? हाल ही में वहाँ परिसीमन का काम पूरा किया गया है। और एक दिन पहले ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि इस साल के आख़िर तक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हो सकते हैं।
मतदाता सूची का संशोधन महत्वपूर्ण है क्योंकि जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के बाद पहली बार यह अभ्यास किया जा रहा है। राज्य को विशेष दर्जा ख़त्म करने से पहले केवल जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासी वोट देने के पात्र थे।
चुनाव आयोग ने एक आदेश में कहा है कि जम्मू और कश्मीर में 1 अक्टूबर, 2022 की क्वालीफाइंग तिथि के साथ फोटो मतदाता सूची के संशोधन का निर्देश दिया गया है। संशोधन से पहले की गतिविधियाँ 30 अगस्त को समाप्त हो जाएंगी। इसके बाद चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अक्टूबर के अंत तक मतदाता सूची के संशोधन के काम को पूरा करने का निर्देश दिया है।
संशोधन पहली बार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके के विस्थापित लोगों को विधानसभा चुनावों में मतदान करने के अधिकार के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा। पहले उन्हें संसदीय चुनावों में वोट देने की अनुमति थी, लेकिन विधानसभा चुनावों में नहीं थी।
आदेश में कहा गया है कि मौजूदा नीति के अनुसार, सभी राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाले वर्ष की 1 जनवरी के संदर्भ में मतदाता सूची में संशोधन किया जाता है और मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन अगले वर्ष के जनवरी के पहले सप्ताह में किया जा सकता है।
आदेश में यह भी कहा गया है, 'हालाँकि, विभिन्न प्रशासनिक कारणों के कारण 2019 के बाद जम्मू और कश्मीर में मतदाता सूची का यह वार्षिक संशोधन नहीं किया जा सका।' बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था और इसके साथ ही राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था और पूर्ण राज्य का दर्जा भी खत्म कर दिया गया था।
आदेश में कहा गया है कि चूँकि जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन वर्षों से मतदाता सूची का पुनरीक्षण नहीं किया गया था, इसलिए नए पात्र मतदाता मतदाता सूची में अपना पंजीकरण नहीं करा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए नए सीमांकित निर्वाचन क्षेत्रों के आधार पर मतदाता सूची को अपडेट किया जा रहा है ताकि सभी नए पात्र युवा मतदाताओं को खुद को नामांकित करने का अवसर मिल सके।
बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर में परिसीमन का काम पूरा हुआ है। परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को लेकर मई महीने में अपनी फ़ाइनल रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट का बीते कई दिनों से इंतज़ार किया जा रहा था।
परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या को 83 से बढ़ाकर 90 किया है। इसके अलावा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 24 सीटें होने की बात आयोग ने कही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में 9 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित की गई हैं।
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