भारतीय रिज़र्व बैंक के पैसे के अतिरिक्त भंडार यानी सरप्लस रिज़र्व से 1.25 लाख करोड़ रुपए सरकार को देने के फ़ैसले से कई सवाल खड़े हो गए हैं। इसे सरकार की जीत और केंद्रीय बैंक के कामकाज में हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है। यह मुद्दा बीते साल भर से चल रहा है। पिछले साल अगस्त में यह मुद्दा ज़ोरों से उठाया गया और नंवबर-दिसंबर तक इस पर काफी बावेला मच गया था। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्रीय बैंक अपने रिज़र्व में से 3.60 लाख करोड़ रुपए निकाल कर दे और इस पैसे का नियंत्रण बैंक और सरकार दोनों मिल कर करें।