एक दिन पहले ही खुदरा महंगाई दर बढ़ने की ख़बर आई थी और अब थोक महंगाई दर बढ़ी है। नवंबर महीने में यह थोक महंगाई दर इतनी ज़्यादा रही कि यह 16 सालों में सबसे ज़्यादा है। मंगलवार को सरकार ने यह आँकड़ा जारी किया है। खाने के तेल और डीजल-पेट्रोल के महंगे होने के बीच अब थोक महंगाई की ख़बर चिंता पैदा करने वाली है। यह आम आदमी के लिए तो है ही और सरकार के लिए भी। सरकार के लिए इसलिए कि अगले कुछ महीनों में ही पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने महंगाई को मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। जयपुर में कांग्रेस ने 'महंगाई हटाओ महारैली' कर अपनी चुनावी रणनीति साफ़ कर दी है।
खुदरा के बाद अब थोक महंगाई दर 16 साल के रिकॉर्ड स्तर पर
- अर्थतंत्र
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- 14 Dec, 2021
राज्यों में चुनावों से पहले महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। महंगाई बढ़ना आम आदमी के लिए एक झटका तो है ही, लेकिन चुनाव के वक़्त क्या सरकार के लिए कम झटका है?
