देश में किसी संभावित खाद्यान्न संकट की आशंका को देखते हुए गेहूँ के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद दुनिया भर के बाज़ार हिले हुए हैं। प्रतिबंध की घोषणा के बाद ही क़रीब क़ीमतें 6 फ़ीसदी बढ़ चुकी हैं। भारत में भी बंदरगाहों पर हजारों ट्रक गेहूँ फँस गया है जिसे निर्यात के लिए ले जाया जा रहा था। इस बीच निर्यात प्रतिबंधों के असर को लेकर पहले जी-7 और विश्व व्यापार संगठन यानी डब्ल्यूटीओ ने इस फ़ैसले की आलोचना की थी और अब अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि भारत गेहूँ निर्यात पर लगाए गए अपने प्रतिबंधों पर फिर से विचार करेगा।
अमेरिका क्यों चाहता है भारत गेहूँ निर्यात प्रतिबंध पर पुनर्विचार करे?
- अर्थतंत्र
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- 17 May, 2022
गेहूँ की बढ़ती मांग ने दुनिया भर में चिंताएँ पैदा कर दी हैं और भारत द्वारा इसके निर्यात पर प्रतिबंध के कारण तो स्थिति और ख़राब ही हुई है। जानिए क्या हुआ है असर और क्या हो रही है प्रतिक्रिया।

अमेरिका ने कहा है कि वह देशों को निर्यात को प्रतिबंधित नहीं करने के लिए 'प्रोत्साहित करेगा क्योंकि इससे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बीच खाद्य संकट बढ़ जाएगा।