एक अप्रैल से सरकार ने
यूपीआई के जरिये 2000 रुपये से ज़्यादा होने डिजिटल पेमेंट पर भी टैक्स लगाने का प्रयास कर रही है। नेशनल
पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है, इसमें अप्रैल की पहली तारीख से यूपीआई के जरिये होने वाले
मर्चेंट यूपीआई पेमेंट पर PPI चार्ज लगाने की सिफारिश की गई है। मंगलवार को
जारी किए गए इस सर्कुलर के अनुसार एनपीसीआई ने प्रीपेड पेमेंट
इंस्ट्रूमेंट यानी PPI चार्ज लगाने की तैयारी की है।
एनपीसीआई की तरफ़ से 0.5
प्रतिशत से 1.1 प्रतिशत तक लगाए जाने की
सिफारिश की गई है। सर्कुलर में कहा गया है कि UPI के जरिए होने वाले 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट
यानी PPI लगाने का सुझाव दिया गया है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शन यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पडे़गा।
डिजिटल पेमेंट पर बढ़ी निर्भरता
का एक बड़ा कारण बैंकों के जरिए होने वाले होने वाले लेनदेन में लगने वाला समय और
चार्ज हैं जिनमें पिछले दिनों काफी बढ़ोतरी हुई है, ऐसे में यूपीआई पेमेंट के लिए
एक आसान तरीका था। रिपोर्ट के यूपीआई के ज़रिए होने वाला लगभग 70 फीसदी पीयर टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन 2,000 रुपये से अधिक मूल्य का होता है, ऐसे में इन पर 0.5 से लगभग 1.1
फीसदी का इंटरचेंज चार्ज लगाने की तैयारी है।
एनपीसीआई की तरफ से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं। इसमें
सबसे कम दर फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर से सबसे कम इंटरचेंज चार्ज वसूलने का
प्रस्ताव है।
सर्कुलर के मुताबिक़ बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
डिजिटल इंडिया मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, सरकार हर
चीज तो डिजिटल करने के लिए प्रयासरत है। डिजिटलीकरण के इन्हीं प्रयासों में से एक डिजिटल
पेमेंट है, जिसके लिए सरकार ने खूब प्रचार प्रसार किया। इसका प्रचार करते हुए सरकार
ने तो यहाँ तक कहा कि इससे भ्रष्टाचार जैसी पुरानी और गंभीर बीमारी पर रोक लगाने में
सहायता मिलेगी।
सरकार के इन प्रयासों का फायदा उठाकर सरकारी और निजी कंपनियों के न जाने कितने पेमेंट ऐप बाजार में आ गये। इनमें से गूगल पे (गूगल), फोन पे (हेथवे), पेटीएम और अमेजन पे (अमेजन), भीम यूपीआई (सरकारी ऐप) प्रमुख हैं। ये सभी ऐप डिजिटल पेमेंट का बड़ा हिस्सा कवर करती हैं।
इसमें कोई शक नहीं है कि इन एप्लिकेशन के जरिए आम आदमी
को काफी सहूलियतें हुई हैं और लोगों का जीवन आसान हुआ है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन
दवारा बनाया गया यूपीआई इंटरफेस, दुनिया भर में सबसे विश्वसनीय पेमेंट सिस्टम में से एक है जो हर महीने 8 मिलियन से ज्यादा ट्रांजैक्शन को कवर करता है।
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