पिछले साल जनवरी में जब यह रिपोर्ट आई थी कि देश में बेरोज़गारी दर 6.1 फ़ीसदी हो गई है और यह 45 साल में सबसे ज़्यादा है तो लगा था कि इस पर सरकार नये सिरे से ध्यान देगी और स्थिति सुधरेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दिसंबर महीने में बेरोज़गारी दर 7.6 फ़ीसदी रही है। इसका साफ़ मतलब यह है कि बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियाँ गई हैं। इसका एक मतलब यह भी है कि सरकार की तरफ़ से नयी नौकरियों के जो दावे किए गए वे बेहद ही मामूली होंगी। हाल की एक मीडिया रिपोर्ट में भी कुछ ऐसा ही आँकड़ा आया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पाँच साल में सात प्रमुख सेक्टरों से 3.64 करोड़ लोगों की नौकरियाँ चली गईं। यानी इतने लोग सीधे-सीधे बेरोज़गार हो गए।