ट्रंप के कहने का मतलब साफ़ है कि क्लोरोक्वीन दवा नहीं दी गई तो अमेरिका भारत पर व्यापारिक प्रतिबंध लगा सकता है और भारतीय निर्यात के लिए नई अड़चनें खड़ी कर सकता है।
क्या है क्लोरोक्वीन?
हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन कुनैन की दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों में कोरोना मरीज़ों पर इसके इस्तेमाल पर राय बंटी हुई है। एक तबके का मानना है कि कोरोना मरीजों पर इसका प्रयोग करने से अच्छे नतीजे मिले हैं। दूसरा तबक़ा इसके पक्ष में नहीं है। ख़ुद ट्रंप इस दवा के इस्तेमाल पर ज़ोर दे रहे हैं, जिसकी अमेरिकी विशेषज्ञों ने आलोचना भी की हैं।ट्रंप की धमकी
ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को फ़ोन किया और इस दवा के निर्यात पर लगी रोक हटाने की माँग की। ट्रंप ने सोमवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, ‘मुझे आश्चर्य होगा यदि प्रधानमंत्री मोदी इससे इनकार करते हैं क्योंकि भारत और अमेरिका के अच्छे रिश्ते हैं।’ ट्रंप ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा :“
‘भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों का फ़ायदा उठाता आया है। मुझे नहीं लगता है कि मोदी बदले की कार्रवाई के तहत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लोक लगाएंगे। लेकिन यदि भारत ने अमेरिका को क्लोरोक्वीन दवा नहीं दी तो हम भी उसके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेंगे।’
डोनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका
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