पंचांग बनाना एक बेहद जटिल विद्या है और इसमें कभी कोई महीना कम होता है तो कभी कोई महीना बढ़ जाता है। इसके बावजूद कहा जाता है कि ऋतु परिवर्तन की तिथियाँ भारतीय त्योहारों के साथ ही चलती हैं। इसीलिए सवाल उठता है कि सावन लंबा होने का अर्थ क्या मॉनसून या बारिश का लंबा खिंचना भी होगा। हालाँकि पिछले कुछ दिनों में गर्मी बहुत बढ़ी है और दुनिया के अनेक हिस्सों से ख़बरें आ रही हैं कि यह इतिहास का सबसे गर्म समय है। लेकिन यहाँ इरादा न तो ग्लोबल वॉर्मिंग पर चर्चा का है, न ही यह हिसाब लगाने का कि इस बार सावन में कितने सोमवार होंगे। यहां तो सावन का जिक्र सिर्फ इसलिए क्योंकि बारिश का प्रकोप कम होगा तो शायद बाज़ार में टमाटर और दूसरी सब्जियों के दाम भी गिर सकते हैं। साथ में यह आशंका भी है कि सावन लंबा होने का अर्थ टमाटर के दाम लंबे समय तक आसमान पर रहना तो नहीं। 
पिछले कुछ दिनों की ख़बरें और सुर्खियां देखें तो लगता है कि टमाटर का दाम जाने कब से आसमान पर है। मगर याद रखना चाहिए कि जून के बीच में ही दिल्ली के बाज़ार में टमाटर बीस रुपए किलो मिल रहा था। जून के अंत तक यह सौ रुपए पहुंचा और जुलाई में तो एक सौ बीस, एक सौ साठ और कब दो सौ पार कर गया पता ही नहीं चला।