तीन दिनों से लगातार चल रही ज़बरदस्त तेज़ी पर बुधवार को लगाम लग गई और बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक 400 अंक टूटा। कारोबार शुरू होते ही मंदड़ियों के दबाव में शेयर टूटने लगे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदनशील सूचकांक सेंसेक्स 395 अंक टूटा और वह 38,702 पर जा पहुँचा। इसके पहले यानी मंगलवार को सेंसेक्स 39,000 अंक के ऊपर ही बंद हुआ था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ़्टी भी 11,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया।
स्टेट बैंक और टाटा मोटर्स के शेयरों में सबसे ज़्यादा गिरावट देखी गई और वे 5 प्रतिशत गिरे। इसके पहले एशियाई शेयर बाज़ारों में गिरावट देखी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रक्रिया शुरू होने का यह नतीजा है। इस प्रक्रिया शुरू होने की वजह से अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता होने और इस वजह से वहाँ का कारोबार ख़राब होने की आशंका से अमेरिकी कंपनियों पर दबाव बढ़ा। इसी वजह से जापान का निकेई एक्सचेंज का सूचकांक 0.55 प्रतिशत गिरा।
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पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के खाताधारकों के 1,000 रुपये से ज़्यादा निकालने पर लगी रोक की वजह से भी कीमतें गिरीं। हालत यह है कि 7 शेयरों को छोड़, सबकी कीमतें गिरीं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि तीन दिनों की इतनी ज़बरदस्त तेज़ी के बाद यह स्वाभाविक है कि थोड़ा सा तकनीकी सुधार हो और कीमतें गिरें। दूसरी बात यह है कि 400 अंक की गिरावट को मंदी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे हम मामूली सुधार भी कह सकते हैं।
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