पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन ने अब भारत के पंजाब में आतंकियों को ड्रोन से हथियार गिराए हैं। कम से कम आठ ड्रोन से क़रीब 80 किलोग्राम हथियार गिराए जाने का दावा किया गया है। पंजाब पुलिस ने कहा है कि 9 और 16 सितंबर के बीच पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने चीनी ड्रोन के माध्यम से इसको अंजाम दिया। ऐसी रिपोर्टें हैं कि ड्रोन की गतिविधियाँ पंजाब के फिरोज़पुर ज़िले में भी देखी जा रही हैं। पंजाब पुलिस ने वायु सेना और बीएसएफ़ से कहा है कि इन ड्रोनों को राडार से पता लगाकर उन्हें नष्ट किया जाए। अधिकारियों को डर है कि उनका इस्तेमाल बमों को ले जाने और गिराने के लिए भी किया जा सकता है।
हाल के वर्षों में खालिस्तानी आतंकवादियों के एक बार फिर से सक्रिय होने की ख़बरें हैं। रिपोर्टें हैं कि पाकिस्तान खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकियों को एक साथ इकट्ठा करके आतंक फैलाने की तैयारी में है। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने जुलाई में ही कहा था कि पाकिस्तान में खालिस्तान समर्थकों के क़रीब दो दर्जन सदस्यों को हथियार चलाने व बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। कुछ दिनों पहले तरनतारन में हुए बम ब्लास्ट में मारे गए कथित रूप से दो आतंकियों के तार भी पाक की इसी साज़िश से जुड़े हुए हैं। गिरफ़्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकवादी संगठन घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हथियारों की यह पूरी खेप खालिस्तान ज़िंदाबाद फ़ोर्स (केज़ेडएफ़) ने पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विसेज़ इंटेलिजेंस यानी आईएसआई के समर्थन से भेजी। इसकी साज़िश रची गई जर्मनी व लाहौर में और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला करना इसका लक्ष्य था। हिंदी दैनिक अख़बार ‘दैनिक भास्कर’ के अनुसार, पंजाब के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में बड़े धमाकों की साज़िश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाक सेना और आईएसआई केज़ेडएफ़ का समर्थन कर रही है। 9 और 16 सितंबर के बीच क़रीब 8 चीनी ड्रोन से 80 किलो विस्फोटक सामग्री पंजाब भेजी गई। दिनकर के मुताबिक़, 22 सितंबर को तरनतारन के चोहल साहिब से 4 आतंकी गिरफ्तार किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार ये सभी बलवंत सिंह, आकाश रंधावा, हरभजन सिंह और बलबीर सिंह पाक के स्लीपर सेल हैं।
ड्रोन से हथियार गिराए जाने के मामले में इसकी पड़ताल के दौरान अब तक पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। इस मामले में अमृतसर के रहने वाले 22 वर्षीय शुभदीप को मंगलवार को ही गिरफ़्तार किया गया है। मुख्य अभियुक्त मान सिंह ने उसको रैडिकलाइज किया।
जाँच में कई एजेंसियाँ- पंजाब पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ, सीमा सुरक्षा बल, भारतीय वायु सेना शामिल थीं। सुरक्षा बलों के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इन एजेंसियों ने शुरुआती जाँच के आधार पर पाया कि 10 किलो पेलोड के साथ कई चीनी वाणिज्यिक ड्रोनों का उपयोग सीमा पार हथियार पहुँचाने में किया गया है। जाँच में पता चला है कि ड्रोन पाकिस्तान के अंदर 2 किमी के स्थानों से लॉन्च किए गए होंगे और 2,000 फ़ीट की ऊँचाई पर पाँच किलोमीटर की दूरी तय की होगी। फिर 1200 फ़ीट नीचे उतरने के बाद हथियारों को गिरा दिया होगा।
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ़्तार किए गए लोगों की पूछताछ से पता चला है कि केज़ेडएफ़ के जर्मनी स्थित ऑपरेटिव गुरमीत सिंह बग्गा ने अपने पाकिस्तान के प्रमुख रंजीत सिंह उर्फ़ नीता के साथ मिलकर ड्रोन के माध्यम से कम से कम चार हथियार, हथगोले, इलेक्ट्रॉनिक्स और जाली मुद्रा की डिलीवरी की है। अंतिम ड्रोन खारा थाना क्षेत्र के राजोके गाँव, तरनतारन में एक सीमावर्ती नाले के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह जगह पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगाए गए बाड़ से 2 किमी दूर है। इस दुर्घटनाग्रस्त ड्रोन के मिलने के बाद ही इस बारे में जाँच-पड़ताल की गई और ड्रोन से हथियारों की सप्लाई की बात सामने आई।
पुलिस ने आरोपियों के पास से पाँच एके -47 राइफ़ल, जिनका वजन चार किलोग्राम है, मैगजीन के साथ चार चीनी पिस्तौल, नौ एचई ग्रेनेड, 10 लाख रुपये की जाली मुद्रा, 1000 राउंड गोला-बारूद और दो इलेक्ट्रॉनिक रिसीवर बरामद किए।
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