शेयर बाज़ार ने बुधवार को फिर गोता लगाया है। सेंसेक्स 1710 अंक गिरकर 28 हज़ार 800 पर पहुँच गया है। निफ़्टी में भी क़रीब 500 अंकों की गिरावट आई है। पिछले पाँच दिन में सेंसेक्स क़रीब पाँच हज़ार अंक नीचे आ चुका है। पिछले एक महीने से इसकी तुलना की जाए तो इसमें क़रीब 13 हज़ार अंकों की गिरावट आ गई है। एक महीने पहले यह जहाँ 41 हज़ार के पार था वहीं अब यह क़रीब 28 हज़ार तक पहुँच चुका है। हाल के दिनों में कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों के असर से शेयर बाज़ार में गिरावट आ रही है।
हालाँकि बुधवार को स्थिति अलग थी। मज़बूत वैश्विक संकेतों के चलते घरेलू शेयर बाज़ार शुरुआती क़ारोबार में अच्छी तेज़ी के साथ खुला। लेकिन कुछ देर बाद ही यह लाला निशान में चला गया। दोपहर तक बाज़ार में भारी बिकवाली आ गई। शेयर बाज़ार बंद होने तक सेंसेक्स में 1709.58 अंकों की गिरावट आ गई। निफ्टी भी 498 अंकों की गिरावट के साथ 8,468.80 पर बंद हुआ। अमेरिकी बाज़ारों में तेज़ी रही और डाउ 1000 अंक ऊपर चढ़ा। जबकि एशियाई बाज़ारों में मिला-जुला कारोबार रहा।
बता दें कि इस हफ़्ते के पहले दिन यानी सोमवार को जब शेयर बाज़ार खुला था तो इसने गोता लगाया था। सेंसेक्स में 2100 अंकों तक और निफ़्टी में 600 अंकों तक की गिरावट दर्ज की गई थी। इससे पहले शुक्रवार को तो शेयर बाज़ार में इतनी ज़बरदस्त गिरावट आई थी कि लोअर सर्किट लगाना पड़ा था। शुक्रवार को बाज़ार खुलते ही सेंसेक्स 3000 अंक तक गिर गया था जबकि निफ़्टी 966 अंक गिर गया था।
वैश्विक आर्थिक मंदी का दौर
इस बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और बुरी ख़बर आई है। एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे के बीच दुनिया की अर्थव्यवस्था बड़ी मंदी के दौर में प्रवेश कर रही है। इसके चलते चीन, भारत और जापान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर बड़ा असर पड़ेगा। रेटिंग एजेंसी ने इन देशों की विकास दर का अनुमान पहले के मुक़ाबले कम कर दिया है। एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2020 में भारत की वैश्विक आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर 5.2 फ़ीसदी कर दिया है।
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