भले ही रेल राज्य मंत्री यह कह कर देश की अर्थव्यवस्था को अच्छा बताएँ कि 'रेल-हवाई जहाज़ भरे हुए हैं, शादियाँ हो रही हैं, किसी का कोई काम नहीं रुक रहा है', सच तो यह है कि आर्थिक सुस्ती विकराल रूप ले चुकी है। देश मंदी की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। देशी-विदेशी संस्थाएं और नामी-गिरामी अर्थशास्त्री तो यह कहते ही आ रहे हैं, तमाम इन्डीकेटर इसी ओर इशारा करते हैं। सरकारी आँकड़े भी यही कहते हैं।
आर्थिक बदहाली का एक और सबूत, गाँवों में खपत 40 साल के न्यूनतम स्तर पर
- अर्थतंत्र
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- 16 Nov, 2019
ताज़ा सरकारी आँकड़े बता रहे हैं कि गाँवों में अर्थव्यवस्था 40 साल के न्यूनतम स्तर पर है। पर सरकार का कहना है कि किसी का कोई काम नहीं रुक रहा है और अर्थव्यवस्था की खुशहाली का यह सबूत है।
