यह अजीब विडंबना है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें ऐसे समय में रिकॉर्ड ऊँचाई पर है, जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर है। बीजेपी के सत्ता में आने के एक साल पहले यानी 2012-13 में कच्चे तेल की कीमत जहां 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गई थी, वह उनके सत्ता में आने के बाद ही गिरने लगी और कोरोना काल में वह 25 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच गई।
कच्चे तेल की कीमत न्यूनतम, पेट्रोल-डीज़ल उच्चतम पर क्यों?
- अर्थतंत्र
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- 20 Dec, 2020
यह अजीब विडंबना है कि भारत में पेट्रोल और डीजल क़ीमत ऐसे समय में रिकॉर्ड ऊँचाई पर है, जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतें ऐतिहासिक रूप से न्यूनतम स्तर पर है।
