पेट्रोल-डीजल फिर महंगा हो गया। रविवार को प्रति लीटर 80-80 पैसे की बढ़ोतरी की गई। यह पिछले 13 दिनों में 11वीं बार बढ़ोतरी हुई है और पेट्रोल-डीजल दोनों प्रति लीटर 8 रुपये महंगे हो गये हैं।
इससे पहले 3 नवंबर से लेकर 21 मार्च तक कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बावजूद पिछले साढ़े चार महीने तक दाम नहीं बढ़ाए गए थे। 2 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम क़रीब 85 डॉलर प्रति बैरल था और फ़रवरी महीने में तो यह 117 डॉलर प्रति बैरल से भी ज़्यादा महंगा हो गया था। लेकिन तब भी बढ़ोतरी नहीं की गई थी। आरोप लगाया जाता है कि ऐसा चुनाव की वजह से हुआ था।
उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 4 नवंबर से कीमतें स्थिर थीं। 10 मार्च को मतगणना के तुरंत बाद दरों में संशोधन की संभावना थी, लेकिन तब इसे कुछ हफ़्ते के लिए टाल दिया गया था। होली के कुछ दिन बाद यह बढ़ोतरी की जानी लगी। 22 मार्च को दर संशोधन में साढ़े चार महीने के लंबे अंतराल के बाद क़ीमतों में वृद्धि की गई।
बहरहाल, ताज़ा बढ़ोतरी के बाद सरकारी ईंधन खुदरा विक्रेताओं के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत अब 102.61 रुपये के मुक़ाबले 103.41 प्रति लीटर हो गई है। डीजल 93.87 प्रति लीटर से बढ़कर 94.67 रुपये हो गया है।
देश भर में दरों में वृद्धि की गई है और राज्यों में स्थानीय कर और तेल की ढुलाई के खर्च के आधार पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दाम हैं।
इस तरह की बढ़ोतरी के लिए विपक्षी दल सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी ईंधन के दाम कम करने का वादा कर सत्ता में आई थी, लेकिन इसके कार्यकाल में तो रिकॉर्ड स्तर पर इसके दाम जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि दिन बदला, साल बदला लेकिन महंगाई का बुरा हाल नहीं बदला।
दिन बदला और बदला साल,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 3, 2022
मग़र नहीं बदला महंगाई का बुरा हाल !
संडे मॉर्निंग भी लोगों को “लूट से छूट” नहीं?#FuelLooT के 11वीं क़िस्त की वसूली
आज फ़िर से पेट्रोल/डीज़ल ₹0.80/L🔺
13 दिन में #PetrolDieselPriceHike
की धार ₹8.00/L बढ़ गयी ।
मतलब- अबकी बार 'जेबकतरी सरकार' ? pic.twitter.com/lSvUwPwwEB
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