देश की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के आ रहे संकेतों के बीच अब जीडीपी ने भी बुरी ख़बर दी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ द्वारा जारी पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है। पहले अग्रिम अनुमानों में मंदी आर्थिक गतिविधि के और धीमा पड़ने का संकेत देती है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था चार वर्षों में सबसे धीमी गति से बढ़ सकती है। तो सवाल है कि ऐसा स्थिति कैसे हुई और देश की अर्थव्यवस्था आख़िर कितने ख़राब दौर से गुजर रही है?
2025 में जीडीपी वृद्धि दर 4 साल के निचले स्तर पर पहुँचने के मायने क्या?
- अर्थतंत्र
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- सत्य ब्यूरो
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- 7 Jan, 2025
भारत की अर्थव्यवस्था की हालत क्या ठीक नहीं है? आख़िर सभी संकेतक आर्थिक विकास दर के कमजोर पड़ने के संकेत क्यों दे रहे हैं? जानिए जीडीपी वृद्धि दर को लेकर क्या रिपोर्ट आई है।

आर्थिक हालात के बारे में जानने से पहले यह जान लें कि एनएसओ के आँकड़ों में क्या क्या कहा गया है। एनएसओ के आंकड़ों में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान में 8.2% की वृद्धि दर की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 में वास्तविक जीडीपी में 6.4% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका मुख्य कारण कमजोर औद्योगिक गतिविधि और धीमी गति से निवेश का बढ़ना है।